Smallcase kya hai – क्यों और कैसे करें इन्वेस्ट

बदलते समय के साथ इन्वेस्टमेंट के तरीकों में भी बदलाव आया है और रोज इनवेस्टमेंट के लिए नए नए टूल सामने आ रहे है। ऐसे ही एक टूल का नाम है स्मॉलकेस। इन्वेस्टमेंट जगत में स्मॉलकेस एक नया नाम है जिसके जरिए हम एक्सपर्ट द्वारा सुझाए स्टॉक के पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट कर सकते है। यह हमे अच्छी रिटर्न देने के साथ साथ ही हमारे पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद करता है। आज के आर्टिकल “Smallcase kya hai” के जरिए हम स्मॉलकेस के हर पहलू पर नजर डालते हुए इसे पूरी तरह से समझने की कोशिश करेंगे।

Smallcase kya hai

स्मॉलकेस क्या है – Smallcase kya hai

स्मॉलकेस स्टॉक के एक बॉस्केट की तरह है जिन्हें सेबी रजिस्टर्ड एक्सपर्ट फंड मैनेजर्स द्वारा बनाया जाता है। हालांकि इस बास्केट में स्टॉक के इलावा ETF और REIT के यूनिट भी शामिल हो सकते हैं जिन्हें अलग-अलग ऑब्जेक्टिव, थीम और स्ट्रेटजी के हिसाब से डिजाइन किया जाता है। स्मॉलकेस स्टॉक मार्किट में इन्वेस्ट करने का एक नया तरीका है जहां अगर आपको स्टॉक मार्किट की ज्यादा जानकारी नहीं है तो भी आप एक्सपर्ट्स के द्वारा बनाए गए थीम बेस्ड पोर्टफोलियो में इन्वेस्ट करके एक अच्छी रिटर्न पा सकते है। उदाहरण के लिए कुछ स्मॉलकेस जो सिर्फ एक सेक्टर पर फोकस करते है जैसे की फार्मा, ट्रांसपोर्ट, बेकिंग आदि। इसी तरह कुछ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी जैसे की मोमेंटम, डिविडेंड स्टॉक, साइक्लिक स्टॉक आदि पर भी आधारित हो सकते है।

स्मॉलकेस में शामिल बास्केट के स्टॉक्स को अच्छी तरह रिसर्च करके और ऑबजेक्टिव को ध्यान में रखकर ही सेलेक्ट किया जाता है। जरुरत पड़ने पर इनमे फेरबदल भी किया जा सकता है। इन्वेस्टर अपने गोल और समझ के अनुसार इन बास्केट का चुनाव कर उनमें इन्वेस्ट कर सकते है। स्मॉलकेस स्टॉक मार्किट और म्यूच्यूअल फंड के बीच का तरीका है। इसमें इन्वेस्ट करना शेयर्स में इन्वेस्ट करने के समान ही है, फर्क सिर्फ इतना है की जहां स्टॉक मार्किट में आप एक बार में एक कंपनी के स्टॉक में इन्वेस्ट करते है वही स्मॉलकेस में आप एक समय में पोर्टफोलियो में शामिल कई सारे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करते है जो आम स्टॉक की तरह ही आपके डीमैट अकाउंट में स्टोर होते है।

स्मॉलकेस कौन बनाता है – Smallcase kaun banata hai

स्मॉलकेस को सेबी रजिस्टर्ड प्रोफेशनल मैनेजर्स द्वारा बनाया जाता है जिनका फाइनेंशियल जगत में अच्छा अनुभव है। वह हर स्टॉक को गहन रिसर्च और सोच विचार के बाद ही पोर्टफोलियो में शामिल करते है। यह लोग निरन्तर स्टॉक मार्किट और पोर्टफोलियो पर नज़र बनाए रखते है ताकि इससे मैक्सिमम रिटर्न को अर्जित किया जा सके।

स्मॉलकेस कैसे काम करता है – Smallcase kaise kaam karta hai

स्मॉलकेस को पहली बार 2015 में एक fintech स्टार्टअप के तौर पर शुरू किया गया था। इसे शुरू करने के पीछे का मुख्य आईडिया इन्वेस्टर को म्यूच्यूअल फंड की तरह ही स्टॉक का रेडी मेड पोर्टफोलियो बना कर देना था। जहां म्यूच्यूअल फंड की अपनी NAV होती है जिसे वह रोज़ाना स्टॉक मार्केट की परफॉर्मेंस से ड्राइव करता है वहीं स्मॉलकेस की रिटर्न उसमे शामिल स्टॉक की परफॉर्मेंस पर आधारित होती है। स्मॉलकेस का बास्केट एक निश्चित सेक्टर, थीम या आईडिया पर आधारित हो सकता है। शुरुआत में स्मॉलकेस के अपने रेडीमेड पोर्टफोलियो उपलब्ध कराए गए थे लेकिन धीरे धीरे बाकि कंपनियों ने भी इस से सांझेदारी की और अपने पोर्टफोलियो को इन्वेस्टमेंट के लिए इसमें लिस्ट करना शुरू कर दिया।

स्मॉलकेस में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास स्टॉक मार्किट की तरह ही डीमैट कर ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। म्यूच्यूअल फंड की तरह ही आप इसमें lumpsum या SIP के द्वारा इन्वेस्ट कर सकते है। SIP के केस में मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट उसमे शामिल स्टॉक्स की प्रेजेंट मार्किट वैल्यू पर निर्भर करती है। इन्वेस्टर चाहे तो इन स्टॉक में फेरबदल कर सकता है या फिर इनकी weightage को रिबैलेंस कर सकता है। स्टॉक मार्किट की तरह ही इन्वेस्टर इन्हे खरीद सकता है और यह उसके डीमैट अकाउंट में स्टोर होते है। इनमे कोई भी एग्जिट लोड या लॉक इन पीरियड नहीं होता इसलिए इन्वेस्टर इन्हे कभी भी बेच सकते है। ब्रोकरेज और टैक्सेज इलावा इसमें 100 से 150 रूपये तक के रजिस्ट्रेशन चार्जेज भरने पड़ते है।

स्मॉलकेस में कैसे करे इन्वेस्ट – Smallcase me kaise kare invest

  • स्मॉलकेस में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट होना चाहिए इसलिए पहले उसे खुलवाए। डीमैट अकाउंट को आप किसी भी ऑनलाइन ब्रोकर जैसे Zerodha के साथ आसानी से खुलवा सकते है।
  • सबसे पहले स्मॉलकेस की official Website वेबसाइट पर जाए। यहां लॉगिन ऑप्शन पर जाने पर अपना मोबाइल नंबर और OTP डाल कर लॉगिन करें।
  • लॉगिन करने के बाद आपको अपने इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव और रिस्क के हिसाब से स्मॉलकेस का चुनाव करना है। वेबसाइट पर आपको थीम, स्ट्रेटजी, रिटर्न आदि के आधार पर कई सारे स्मॉलकेस मिल जायेंगे।
  • स्मॉलकेस दो तरह के होते है फ्री और चार्जेबल। फ्री स्मॉलकेस में कोई भी चार्जेज या फीस के बिना ही आप डायरेक्टली इन्वेस्ट कर सकते है वहीं पर चार्जेबल स्मॉलकेस अलग अलग कंपनियों और ब्रोकर्स द्वारा बनाए गए होते है जो अपने रीसर्च और अनुभव के बदले आपसे कुछ चार्जेज लेते है।
  • स्मॉलकेस का चुनाव हो जाने पर आप उसमे आसानी से पेमेंट करके इन्वेस्ट कर सकते है जिसके बाद स्मॉलकेस के स्टॉक डायरेक्टली आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाते है। आप चाहें तो स्मॉलकेस पोर्टफोलियो में सिप द्वारा भी इन्वेस्ट कर सकते है।

स्मॉलकेस में इन्वेस्ट करने के चार्जेज – Smallcase me invest karne ke charges

स्मॉलकेस में इन्वेस्ट करने पर मुख्यता दो तरह के चार्जेस देने पड़ते है, वह है subscription फीस और transaction फीस।

Subscription फीस: यह फीस स्मॉलकेस मैनेजर्स द्वारा चार्ज की जाती है। यह मैनेजर अपने एक्सपीरियंस और एक्सपर्टाइज के आधार पर रिसर्च करके स्मॉलकेस के स्टॉक का चुनाव करते है और उनमें समय समय पर फेरबदल करते है। अपनी इस सर्विस के बदले वह आपकी इन्वेस्टमेंट से कुछ परसेंटेज या कुछ अमाउंट डेडक्ट करते है जो की डायरेक्टली फंड मैनेजर्स के अकाउंट में जाती है। यह फीस हर स्मॉलकेस के लिए अलग अलग हो सकती है।

Transaction फीस: स्मॉलकेस में इन्वेस्ट करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती और जब भी आप कोई ट्रांजैक्शन स्मॉलकेस में अपने ब्रोकर द्वारा करते हैं तो ब्रोकर्स द्वारा लिए जाने वाले सभी जरूरी चार्जेस और टैक्स आपके देने पड़ते है।

इन चार्जेस के इलावा कई और चार्जेस है जो स्मॉलकेस प्लेटफार्म द्वारा लिए जाते है इनमे Buy order, Invest more, Sip charges, Rebalancing charges आदि मुख्य है। यह चार्ज 100 या 1.5% of investment (जो भी वैल्यू कम हो) तक हो सकते है।

स्मॉलकेस के फायदे – Smallcase ke fayde

म्यूचुअल फंड के विपरीत स्मॉलकेस में स्टॉक मार्केट के समान ही स्टॉक बास्केट को कभी भी खरीद और बेच सकते है और इसके लिए कोई भी एक्सपेंस रेश्यो नही देना पड़ता।

स्मॉलकेस फाइनेंशियल मार्केट के एक्सपर्ट लोगो द्वारा बनाए जाते है जो अपनी फील्ड के प्रोफेशनल होते है। इस कारण रिस्क की संभावना कम और रिटर्न की संभावना ज्यादा रहती है।

स्मॉलकेस में हर एक पोर्टफोलियो थीम बेस्ड होता है और किसी ऑब्जेक्टिव को ध्यान में रखकर बनाया जाता है। इन्वेस्टर अपने रिस्क और गोल के हिसाब से किसी भी पोर्टफोलियो का चुनाव कर सकते है।

स्मॉलकेस में पोर्टफोलियो बनाए तो फंड मैनेजर के द्वारा जाते हैं लेकिन इन्वेस्टर अगर चाहे तो अपनी समझ के अनुसार स्टॉक में फेरबदल या किसी स्टॉक की मात्रा तो घटा या बड़ा सकता है।

स्मॉलकेस में आप lumpsum और SIP दोनो तरह से इन्वेस्ट कर सकते हो।

स्मॉलकेस के नुक्सान – Smallcase ke nuksaan

स्मॉलकेस में इन्वेस्ट करने पर आपको चार्जेस देने पड़ते है जो की 100 से 150 तक हो सकते है। इसके इलावा कई ब्रोकिंग कंपनियों के फंड मैनेजर इसमें अपने द्वारा बनाए पोर्टफोलियो लिस्ट करते है जो अपनी सर्विस के बदले सब्सक्रिप्शन फीस चार्ज करते है।

स्मॉलकेस में मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड से कही जायदा हो सकती है। यह इसके पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक की मार्केट वैल्यू पर निर्भर करती है।

ज्यादातर स्मॉलकेस में समय समय पर फंड मैनेजर रिबेलेंसिंग करते रहते है जिसके चलते वह स्टॉक को बेचते और कुछ नए स्टॉक इसमें शामिल करते है। इसके चलते आपको अपनी इन्वेस्टमेंट पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन भरना पड़ सकता है।

स्मॉलकेस और म्यूच्यूअल फंड में क्या फर्क है – Smallcase aur mutual fund me kya fark hai

Smallcase Mutual Fund
स्मॉलकेस में मिनिमम इन्वेस्टमेंट वैल्यू म्यूच्यूअल फंड से ज्यादा हो सकती है और यह पोर्टफोलियो में शामिल स्टॉक की वैल्यू पर
पर निर्भर करती है।
म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट सिर्फ 500 रूपये से भी की जा सकती है।
स्मॉलकेस में चार्जेज और सब्सक्रिप्शन फीस, फंड मैनेजमेंट के आधार अलग अलग हो सकती है। म्यूच्यूअल फण्ड में चार्जेज एक्सपेंस रेश्यो के रूप में होते है जो की 1 या 2% के बीच में रहती है।
स्मॉलकेस में इन्वेस्टर का डायरेक्ट का कंट्रोल होता है क्युकी स्टॉक की तरह ही वह उसके डीमैट अकाउंट में स्टोर होते है। म्यूच्यूअल फंड के केस में कंट्रोल इन्वेस्टर से ज्यादा फंड मैनेजर के हाथ में होता है।
स्मॉलकेस में डायवर्सिफिकेशन म्यूच्यूअल फंड से कम होती है क्युकी इसमें थीम बेस्ड स्टॉक्स में इन्वेस्ट किया जाता है। म्यूच्यूअल फंड में स्मॉलकेस में मुकाबले डायवर्सिफिकेशन काफी ज्यादा होती है।
स्मॉलकेस में कोई भी एग्जिट लोड नहीं होता। म्यूच्यूअल फंड में फंड के आधार पर 2% तक का एग्जिट लोड हो सकता है।
स्मॉलकेस में इक्विटी शेयर्स को बेचने के केस में लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स एप्लीकेबल होता है। म्यूच्यूअल फंड में फंड टाइप और होल्डिंग पीरियड के आधार पर शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन एप्लीकेबल होता है।

यह भी जानिए: PPF kya hai?- जानिए PPF अकाउंट क्या है,और कैसे काम करता है?

निष्कर्ष – Conclusion

स्मॉलकेस स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने का एक नया और बेहतरीन तरीका है। इसके जरिए आप एक्सपर्ट द्वारा सुझाए स्टॉक्स में बिना किसी ज्यादा फॉर्मेलिटी के ऑनलाइन इन्वेस्ट कर सकते है, बशर्ते आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। यह इन्वेस्टमेंट करने के लिए स्टॉक मार्केट और म्युचुअल फंड के बीच का रास्ता है जो हमें अच्छी रिटर्न देने के साथ-साथ ही हमारे पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का काम करता है। किसी भी इन्वेस्टमेंट साधन की तरह इसमें इन्वेस्ट करने से पहले हमे इसके लिमिटेशन को जान लेना जरूरी है जैसे कि मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट, लगने वाले चार्ज, सब्सक्रिप्शन फीस और टैक्स आदि। एक जागरूक इन्वेस्टर होने के नाते इन सभी बातों पर ध्यान करने के बाद ही कोई इन्वेस्टमेंट निर्णय ले।

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