पैसा जो हर किसी के जीवन में जरुरी है और जितना हो उतना ही कम जान पड़ता है। हम में ज्यादातर लोग इसी पैसे को कमाने के लिए दिन रात मेहनत करके पाई पाई को जोड़ते है ताकि अपने और अपनों को एक बेहतर जीवन दे पाएं। हमारी उम्र और काबिलियत बढ़ने के साथ साथ ही हमारी इनकम में भी बड़ौतरी होती है, लेकिन सोचने वाली बात यह है की पैसा ना तो इंसान तब बचा पाता है जब उसकी इनकम 15000 थी और ना ही तब जब उसकी इनकम 50,000 है।
इसलिए यहां पहला सवाल यह उठता है की पैसा तो कमा लिया लेकिन अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उसे बचाएं कैसे। इसी बात का जवाब देने के लिए आज के आर्टिकल “Paise kaise bachaye?” में हम आपके लिए लेकर आए है, 7 ऐसे असरदार और महत्वपूर्ण टिप्स जिन पर काम करके आप अपने रोजाना के खर्चों को मैनेज करना और एक अच्छी सेविंग करना भी सीख जायेंगे।
Paise bachana kyu jaruri hai? – पैसे बचाना क्यों जरुरी है?
पैसा इंसानी जीवन का अभिन्न अंग है और इंसान को अपनी सभी जरूरतों के लिए पैसे पर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए पैसा जितना कमाना जरुरी है उसको बचाना भी उतना ही जरुरी है। बचत किए पैसे मुसीबत की स्तिथि में आपके काम आते है या आपके लॉन्ग टर्म गोल जैसी की बच्चो की पढ़ाई, नया घर, शादी ब्याह के खर्चों के लिए काम आता है। पैसों की बचत करना आपकी आर्थिक सुरक्षा को बेहतर बनता है जिस से किसी भी अचानक आने वाले खर्चों से आप निपट सकते है। अगर आपके पास बचत के पर्याप्त पैसे होंगे तो आपके मन में भी शांति रहेगी क्युकी यह आपके भविष्य के होने वाले खर्चों की चिंता को कम करता है।
Paise kaise bachaye? – पैसे कैसे बचाए?
आइए जानते है बचत करने के उन 7 तरीको के बारे में जो अनुभवी लेखकों द्वारा लिखी गई बेस्ट सेलर किताबो से प्रेरित है और काफी सारे लोगो द्वारा आजमाए गए है। यह तरीके है:
1. बजट त्यार करे
2. अपने लिए सबसे पहले पैसे रखे
3. अपने खर्चों को काबू में रखे
4. इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करे
5. इमरजेंसी फण्ड और हेल्थ इंश्योरेंस
6. अलग अलग बैंक अकाउंट
7. दिखावे के लिए पैसे ना खर्चे
बजट त्यार करे: पैसे बचाने का सबसे पहला स्टेप आपके बजट बनाने से शुरू होता है जो आपको, आपके पैसों का रिकॉर्ड रखने में मदद करेगा। बजट का नाम सुनते ही हमारे मन कई सरे मोटे बही खाते और बोरिंग कैलकुलेशन घूमने लगती है। लेकिन असल में एक पर्सनल बजट बनाना बहुत ही आसान है, मुश्किल है तो सिर्फ उसपर अमल करके अपने खर्चो को मैनेज करना। John Maxwell के शब्दों में एक अच्छा बजट आपको यह बताता है की “आपका पैसा कैसे खर्च होगा ना की यह की पैसा कहां खर्च हो गया” आजकल तो बजटिंग के लिए बहुत से apps भी उपलब्ध है जैसे की Cashbook जिसे की में निजी तौर पर इस्तेमाल करता हूं।
अगर आप किसी app को इस्तेमाल नहीं करना चाहते है तो अपने खर्चो को मैनेज करने का एक बहुत ही आसान रूल है जिसे 50/30/20 रूल कहा जाता है। इस रूल की मुताबिक आपकी जितनी भी इनकम या सैलरी होगी उसको तीन भागो में विभाजित कर लें। सबसे बड़ा हिस्सा 30% आपके रोजमर्रा और जरुरी के खर्चो जैसे की राशन, किराया, बिल, इंस्टालमेंट आदि के लिए इस्तेमाल करें। दूसरा हिस्सा यानि की 30% अपनी शौक और घूमने फिरने की जरूरतों के लिए और तीसरा हिस्सा यानि 20% इन्वेस्टमेंट और सेविंग के खाते में जाना चाहिए। आप इस रूल में अपनी सैलरी और जरूरतों के हिसाब से फेरबदल भी कर सकते है, लेकिन इतना ध्यान रखे की आपके इन्वेस्टमेंट वाले स्लॉट में कुछ न कुछ रकम जरूर होनी चाहिए।
अपने लिए सबसे पहले पैसे रखे: पर्सनल फाइनेंस पर लिखी गई एक बहुत ही बेहतरीन किताब है, जिसका नाम है “रिच डैड पुअर डैड“। उस किताब में सेविंग करने को एक लेकर एक बहुत अच्छी लाइन लिखी गई है “pay yourself first” यानि की सबसे पहले खुद को पैसे अदा करे। लगभग सभी लोगो में यहीं चलन है की अपनी मंथली इनकम आने पर वह सबसे पहले खर्चो का सोचते है और जब सारे खर्चे पुरे हो जाएं तो अंत में जो राशि बचती है उसे सेविंग के रूप में रखते है। इसी चक्कर में बहुत बार महीने के अंत तक उनके पास कुछ भी नहीं बचता और कई बार तो उनका बजट माइनस में चला जाता है। इसलिए रिच डैड पुअर डैड के लेखक Robert Kyosaki ने कहा है की जब भी आपके पास इनकम आए तो उसका सबसे पहला हिस्सा खुद के लिए यानि अपनी सेविंग के लिए रखे।
मान लीजिए अगर आपकी सैलरी 25000 है और आप उस में से 3000 हर महीने सेव करना चाहते है तो सैलरी मिलने पर सबसे पहले 3000 रूपये अलग से अपनी सेविंग किट में रख ले और समझे की आपकी सैलरी सिर्फ 22000 ही है और आपको इसी में सारे खर्चो को पूरा करना है। ऐसा करना आपकी सेविंग हैबिट में डिसिप्लिन लाने में मदद करेगा और आपकी सेविंग भी बिना किसी चिंता के होती रहेगी।
अपने खर्चो को काबू में रखे: अगर आपने बजट बना लिया है तो उसपर अमल करना भी जरुरी बन जाता है। अपने बजट के मुताबिक होने वाले जरुरी और गैरजरूरी खर्चो के लिए कुछ रकम जरूर अलग रखे। इसके बाद आपका अगला काम यही है की इस अलग किए पैसों के अंतर्गत ही आप अपने सभी खर्चे करे। इस तरह करने से आप डिसिप्लिन में रहते हुए अपने खर्चो की मैनेज कर पाएंगे और आपको इस बात की भी जानकारी रहेगी की आपने कौन सी चीज पर कब कितने पैसे खर्च किए है। यह तरीका आपके बेफिजूल के खर्चो को भी कम करेगा क्युकी जब चीजे आपके बजट से बाहर होगी तो आप खुद बा खुद अपने खर्चो को घटाने की और ध्यान देंगे।
इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करे: सेविंग के साथ साथ इन्वेस्टमेंट करना भी बहुत जरुरी है, क्युकी अगर आप किसी अच्छी रिटर्न वाली एसेट में इन्वेस्ट नहीं करेंगे तो समय बीतने के साथ साथ आपके जमा किए गए पैसों की वैल्यू कम होती जाएगी और समय पड़ने पर आपके सेविंग करने के बावजूद भी आपको उसका कोई फायदा नहीं होगा। मार्किट में इन्वेस्टमेंट के बहुत सारे साधन उपलब्ध है जो एक अच्छी रिटर्न देने में सक्षम है। मेरी राय में आप इन्वेस्टमेंट के लिए म्यूच्यूअल फण्ड में SIP शुरू कर सकते है। एक अच्छी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में लगाई गई सिप आपको कंपाउडिंग के सिद्धांत पर लॉन्ग टर्म में एक बहुत अच्छी रिटर्न देने में सक्षम होती है।
सिप की एक अच्छी बात ये है की इसे आप 500 रूपये से भी शुरू कर सकते है और हर महीने आपको इसे जमा करवाने कही जाना भी नहीं पड़ता। ऑटो डेबिट फैसिलिटी द्वारा यह हर महीने आपके अकाउंट से कटती जाएगी और आपके इन्वेस्टमेंट अकाउंट में जमा होती जाएगी। रिस्क फ्री लौ अमाउंट सेविंग के लिए आप PPF में भी इन्वेस्ट कर सकते है। यह भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली स्कीम है जिसमे आप किसी भी बैंक द्वारा पैसे इन्वेस्ट कर सकते है और SIP की तरह इसमें भी आप सिर्फ 500 से इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते है। म्यूच्यूअल फण्ड और PPF के बारे के ज्यादा जानकारी के लिए हमारे इन आर्टिकल्स को जरूर पड़े:
Mutual Fund kya hai? – जानिए म्यूच्यूअल फण्ड क्या है और कैसे काम करता है?
PPF kya hai?- जानिए PPF अकाउंट क्या है,और कैसे काम करता है?
इमरजेंसी फण्ड और हेल्थ इंश्योरेंस : अक्सर हम लोग किसी न किसी तरीके हर महीने कुछ बचत तो कर लेते है, लेकिन जब कोई इमरजेंसी जैसे की बीमारी, एक्सीडेंट या नौकरी जाने जैसी स्तिथि आती है तो हमारे सेव किए हुए पैसे वहां पर खर्च हो जाते है और जिस उद्देश्य के लिए हम सेविंग कर रहे होते है उसके लिए कभी पैसा जु़ड ही नहीं पाता। ऐसे स्तिथियों के लिए हम दो छोटे लेकिन असरदार कदम उठाकर अपनी सेविंग को बरकरार रख सकते है। पहला है, इमरजेंसी फण्ड और दूसरा है हेल्थ इंश्योरेंस।
इमरजेंसी फण्ड जैसा का नाम से ही जाहिर है, ऐसा फण्ड जो किसी इमरजेंसी की स्तिथि में आपके काम आए। इंसान का जीवन अनिश्चित होता है और इसमें कभी ना कभी अचानक पैसों की जरुरत आ ही जाती है। ऐसे में इमरजेंसी फण्ड एक ऐसा साधन है जिसमे मुख्यता पैसे को इन अचानक जरूरत की स्तिथियों के लिए ही जमा किया जाता है। हर महीने आप अपनी आमदन का कुछ हिस्सा इस इमरजेंसी फण्ड के लिए रखे और कोशिश करे की यह पैसा इतना जमा हो जाए की अगर आपकी छह महीने की आमदन के बराबर हो। यह इमरजेंसी फण्ड किसी भी अचानक पड़ी पैसों की जरुरत में आपके काम आएगा और आपकी सेविंग का पैसा भी बचा रहेगा।
आजकल हॉस्पिटल और दवाई के खर्चे इतने हो चुके है की वह आपकी सेविंग को कुछ ही दिनों में खत्म कर देते है। इसलिए अपनी सेविंग को बचाए रखने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूर करवाए। यह आपके बीमारी पे होने वाले खर्चो को कम करने या कवर करने में आपकी मदद करेगा।
अलग अलग बैंक अकाउंट: जैसे की हमने बताया है की आप अपने खर्च के और सेविंग के पैसों को अलग अलग रख सकते है। इसके लिए आप चाहें तो बैंक में दो अलग अलग अकाउंट खुलवा सकते है। एक अकाउंट जिसमे आपकी इनकम आती हो, जिसमे आप अपने रोजाना के खर्चो के लिए पैसे रखे, जबकि दूसरे अकाउंट में आपकी सेविंग के पैसे। यह आपको अपने बनाए गए बजट पर बरकरार रहने में मदद करेगा और आप अपना खर्चा उसी हद्द तक करेंगे जितना आपका सामर्थ्य है।
दिखावे के लिए पैसे ना खर्चे: दिखावे के लिए खरीदारी करना किसी भी लिहाज से सही नहीं है। ऐसी भावना इंसान में सिर्फ अपने आप को दुसरो से बेहतर और ऊपर दिखाने के लिए होती है। इसी चक्कर में पड़कर इंसान ना सिर्फ फिजूलखर्ची करता है बल्कि अपने मानसिकता को भी खराब कर लेता है। इसलिए सिर्फ उन चीजों को खरीदे जिनकी आपको सच में जरुरत है और सिर्फ दिखावे के लिए चीजे खरीदने से बचे। दिखावे के चलते ही आजकल लोगो ने कई सारे OTT प्लेटफार्म के सब्सक्रिप्शन ले रखे होते है और अपनी बिजी लाइफ के चलते हर किसी को देख पाना मुमकिन भी नहीं है। इसलिए वह सभी सब्सक्रिप्शन जिन्हे आप इस्तेमाल नहीं करते उन्हें कैंसिल कर दे। इससे बचने वाले पैसे को अपनी सेविंग किट में जमा कर ले।
इसके इलावा आजकल ऑनलाइन खरीददारी होने के कारण लोग किसी चीज की जरुरत ना होने पर भी पसंद आने पर उसे तुरंत खरीद लेते है, और ऐसा करना भी कोई गलत नहीं है जब तक वह आपके सेविंग के एवज में ना की जाए। अगर आपको कोई चीज लेनी भी है तो सबसे पहले अपने बनाए बजट की और ध्यान दे और देखे की आप उसे अपनी सेविंग के पैसों को खर्च किए बिना खरीद सकते है या नहीं। अपने बजट से जुड़े रहे और फालतू की चीजों में पैसा खर्चना बंद करे।
निष्कर्ष – Conclusion
यहां में एक बताना चाहूंगा की पैसा बचाना एक महत्वपूर्ण कला है और हर कला की तरह इसे भी सीखने की जरुरत है। दुर्भाग्य यह है की आजकल हमारे स्कूल कॉलेज में वही पुरानी सोच और बातो पर जोर दिया जाता है जबकि पैसों को मैनेज करना और सेव करना जो की जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। आज के समय में हम सबको पैसों को मैनेज करने, सेविंग और इन्वेस्टमेंट की जानकारी जरूर होनी चाहिए। जब हम खुद के पैसों को मैनेज करना सीख जाते है तो यह फाइनेंशियल सिक्योरिटी की तरफ हमारा पहला कदम होता है।