CIBIL Score kya hota hai? लोन लेने के लिए यह क्यों है जरूरी?

लोन लेने या देने की बात जब भी होती है, तो कोई भी संस्था या व्यक्ति सबसे पहले CIBIL स्कोर को चेक करता है। CIBIL स्कोर एक ऐसा कॉन्सेप्ट है, जिसे कोई भी आम नागरिक अनदेखा नहीं कर सकता और फाइनेंशियल जागरूक होने के लिए आपको इस स्कोर के बारे में जानकार होना बहुत जरूरी है। इस आर्टिकल ‘CIBIL Score kya hota hai?’ के जरिए हम CIBIL स्कोर के बारे में पूरी तरह से जानेंगे, और यह भी पता करेंगे कि लोन लेने के लिए यह किस तरह से आपकी मदद करता है।

CIBIL Score kya hota hai

CIBIL स्कोर क्या होता है? – CIBIL Score kya hota hai?

CIBIL स्कोर तीन अंकों का एक कोड होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के बारे में बताता है। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, यानी कि आपके द्वारा बीते समय में लिए गए लोन और कर्जों को आपने किस तरह मैनेज किया और चुकाया है जिसके आधार पर आपका CIBIL स्कोर निर्धारित होता है। यदि आपने अपने लिए गए लोन नियमित और समय पर चुकाए होंगे, तो आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही अच्छा होगा और भविष्य में आपको किसी भी तरह का लोन मिलने की संभावना उतनी ही अधिक हो जाएगी।

CIBIL स्कोर के तीन अंक 300 से 900 के बीच में होते हैं, जो जितने अधिक होंगे, उतना ही अच्छा माना जाता है। भारत में CIBIL स्कोर की गणना एक संस्था जिसका नाम TransUnion है, द्वारा की जाती है, जो एक अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी है। भारत में गणना किए जाने वाले CIBIL स्कोर को CIBIL TransUnion Score भी कहा जाता है। यह RBI द्वारा लाइसेंस प्राप्त है, और Credit Information Companies (Regulation) Act, 2005 के तहत काम करती है।

CIBIL स्कोर क्यों जरुरी है? – CIBIL Score kyu jaruri hai?

CIBIL स्कोर एक लोन एप्लीकेशन प्रोसेस में फर्स्ट इम्प्रैशन का काम करता है। जब भी एक लोन की एप्लिकेशन को सबमिट किया जाता है, तो CIBIL स्कोर ही वह पहली चीज है जो कोई भी फाइनेंशियल संस्था चेक करती है। अगर आपका CIBIL स्कोर कम होगा, तो एप्लीकेशन को आगे चेक करने की बजाय वहीं से रिजेक्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, यहां पर इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि CIBIL स्कोर इस बात की गारंटी नहीं देता कि आपकी लोन की एप्लीकेशन प्रोसेस हो ही जाएगी। CIBIL स्कोर बस आपके लोन अप्रूवल की एलिजिबिलिटी तो बढ़ाता है। इसके इलावा और कई सारे फैक्टर्स, जैसे कि आपकी इनकम, लोन का उद्देश्य आदि भी लोन सेक्शन होने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

CIBIL स्कोर मुख्यत व्यक्ति की creditworthiness यानी कि लोन को चुका पाने की क्षमता के बारे में बताता है।

अगर आपका CIBIL स्कोर अच्छा होगा, तो आपको लोन कम इंटरेस्ट रेट पर मिलने की संभावना ज्यादा होगी।

यह आपकी लोन एप्लीकेशन को जल्दी प्रोसेस करवाने में मदद करता है, क्योंकि इसे चेक करने के बाद फाइनेंशियल संस्था सीधे आपके एलिजिबिलिटी डॉक्यूमेंट्स की जांच कर सकती है।

CIBIL स्कोर कितना होना चाहिए – CIBIL Score kitna hona chahiye

जैसा की पहले ही बताया गया है, CIBIL स्कोर जितना ज्यादा होगा उतना ही लोन एप्लीकेशन के लिए अच्छा माना जायेगा। निचे दिए गए टेबल से CIBIL स्कोर के बारे में आपके सभी शंकाए साफ हो जाएँगी।

CIBIL SCORE APROVAL RATE
<600 Low
600-649 Difficult
650-699 Good
700-749 Very High
750-900 Excellent

CIBIL स्कोर कैसे चेक करे – CIBIL Score kaise check karen

आप अपने CIBIL स्कोर को बड़ी आसानी से ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। काफी सारी फाइनेंशियल संस्थाएं अपनी वेबसाइट पर फ्री CIBIL स्कोर चेक करने की सुविधा प्रदान करती हैं। लेकिन इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको CIBIL इंडिया की ऑफिशियल वेबसाइट से उसे चेक करना सिखाएंगे। अपने CIBIL स्कोर को चेक करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कीजिए:

  1. सबसे पहले इस लिंक पर क्लिक करके CIBIL की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
  2. यहां, ‘Get Your CIBIL Score’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  3. सभी जरूरी डिटेल्स को दिए गए फॉर्म में भरें, जैसे कि पैन कार्ड, आधार कार्ड, ईमेल ID और फोन नंबर आदि। सारी डिटेल्स भरने के बाद ‘सबमिट’ के बटन पर क्लिक करें।
  4. आपके नंबर और ईमेल ID पर एक OTP भेजा जाएगा, जिसे भरने के बाद आप CIBIL की साइट पर रजिस्टर हो जाएंगे।
  5. इसके बाद ‘Continue’ के बटन पर क्लिक कीजिए। यहां पर ‘Go to Dashboard’ का ऑप्शन दिखाई देगा। उस पर क्लिक करें।
  6. यहां से आपको CIBIL स्कोर की वेबसाइट पर भेजा जाएगा।
  7. यहां ‘Member Login’ में एंटर करने के बाद आप अपना CIBIL स्कोर देख पाएंगे।

खराब CIBIL स्कोर कैसे ठीक करे – Kharaab CIBIL Score kaise theek karen

CIBIL स्कोर खराब होने के पीछे का मुख्य कारण आपके द्वारा लिए गए लोन को सही तरह से मैनेज ना करना हो सकता है। हो सकता है, आपने लिए गए लोन की किश्त समय पर ना चुकाई हो, या फिर किसी कारण बैंक में आपके द्वारा दिया गया पेमेंट चेक रिजेक्ट हो गया हो। इसी तरह के कई और कारण भी हैं, जो आपके क्रेडिट स्कोर को कम करते हैं, और यह बात जान लेना जरूरी है कि इसे सुधारने में आपकी कोशिश और समय दोनों लगते हैं। आप अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:

अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: सबसे पहले CIBIL या किसी अन्य वेबसाइट के माध्यम से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को प्राप्त करें। अपने क्रेडिट स्कोर और उसके कम होने के कारणों की जांच करें और उन्हें ठीक करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएं।

बिल का भुगतान समय पर करें: समय पर की गई बिल की पेमेंट आपके क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाती है। कोशिश करें कि सभी तरह के लोन से जुड़े बिल का भुगतान समय पर हो। ऑटो डेबिट या रिमाइंडर ऑप्शन का चुनाव करें ताकि आप अपने बिल की डेट को कभी ना भूलें।

क्रेडिट लिमिट से ज्यादा खर्चा ना करें: क्रेडिट लिमिट वह लिमिट होती है, जो बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपको इश्यू किए गए क्रेडिट कार्ड के साथ देती हैं। कोशिश करें कि आपका खर्च कभी भी इस क्रेडिट लिमिट को पार ना करे, और आप हर महीने अपने क्रेडिट को एक निश्चित दायरे में ही रखें ताकि भविष्य में उनके बिल भरने में आपको कोई परेशानी ना हो।

अपने बकाया कर्जे चुकता करें: कोशिश करें कि आपके जितने भी बकाया लोन और कर्जे हैं, उन्हें समय पर चुकता दें। अगर आपके पहले की कोई आउटस्टैंडिंग पेमेंट देय है तो उसका भुगतान पहले करें।

अपनी शमता से ज्यादा लोन ना लें: आजकल मार्केट में कई सारे ऐप आ जाने के कारण लोन लेकर कोई भी सामान लेना बहुत आसान हो गया है। इतनी आसानी से लोन मिल जाने के कारण लोग पैसे ना होते हुए भी कोई चीज पसंद आ जाने पर तुरंत खरीद लेते हैं। इसी तरह अपनी शमता से ज्यादा लिए गए लोन भविष्य में आपकी जेब पर बोझ डालते हैं, और उन्हें समय पर ना चुका पाने के केस में आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है। इसलिए जरूरी यह है कि लोन सिर्फ जरूरी काम के लिए ही लिया जाए और उतना ही लिया जाए जितना कि आप चुका पाने के शक्षम हैं।

क्रेडिट स्कोर और CIBIL स्कोर में क्या फर्क है? – Credit score aur CIBIL score me kya fark hai

इस आर्टिकल के दौरान हमने कई बार CIBIL स्कोर और क्रेडिट स्कोर का जिक्र किया है। यह दोनों टर्म्स आपस में एक सी लगती हैं, और इनका महत्त्व भी एक जैसा ही है। दोनों ही 300 से 900 तक की रेंज के 3 डिजिट स्कोर होते हैं, और इसी कारण बहुत से लोग क्रेडिट स्कोर और CIBIL स्कोर को एक ही समझ बैठते हैं, लेकिन इन दोनों में फर्क होता है।

क्रेडिट स्कोर एक आम भाषा की टर्म है, जो लोगों की क्रेडिट हिस्ट्री को जानने में मदद करता है। क्रेडिट स्कोर अलग-अलग क्रेडिट अथॉरिटी द्वारा जारी किया जा सकता है, जो हर देश में अलग हो सकती है, जैसे कि भारत में चार संस्थाएं, Experian, Equifax, TransUnion CRIF High Mark क्रेडिट स्कोर जारी कर सकती हैं। यह संस्थाएं सरकार की अथॉरिटी और उससे लाइसेंस प्राप्त करके काम करती हैं।

दूसरी तरफ, CIBIL यानि Credit Information Bureau of India Ltd एक संस्था है जो कि क्रेडिट हिस्ट्री की जानकारी देने का काम करती है। CIBIL स्कोर की बात करें तो यह भी एक प्रकार का क्रेडिट स्कोर ही है, जो कि भारत में काम कर रही मल्टीनेशनल संस्था TransUnion द्वारा जारी किया जाता है। क्रेडिट स्कोर के समान ही यह तीन डिजिट का होता है, जो 300 से 900 के बीच में रहता है। यह भारत में RBI द्वारा लाइसेंस होल्डर है, और विभिन्न बैंकों और फाइनेंशियल संस्थाओं से लिए गए डाटा के आधार पर किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर निश्चित करता है। आसान भाषा में कहें तो TransUnion CIBIL द्वारा जारी किए गए क्रेडिट स्कोर को CIBIL स्कोर कहते हैं।

यह भी जानिए: Home loan aur Mortgage Loan me kya antar hai? – होम लोन और मॉर्गेज में क्या अंतर है?

निष्कर्ष – Conclusion

अंत में यही कहा जा सकता है कि CIBIL स्कोर एक पॉवरफुल टूल है, जो कि आपकी फाइनेंशियल हिस्ट्री को कुछ ही डिजिट में दर्शा सकता है, और लोन प्रोसेसिंग का काम, आपके और बैंकों दोनों के लिए आसान बनाता है। आशा है कि इस आर्टिकल ने आपकी CIBIL स्कोर को पूरी तरह से जानने और समझने में मदद की होगी, अगर आपके मन में कोई और सवाल है, तो आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

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