किसी भी इन्वेस्टमेंट के साधन की तरह शेयर मार्केट भी रिस्क और नुकसान से मुक्त नहीं है। जल्दी पैसा कमाने की इच्छा को लेकर करोड़ों लोग हर दिन इस शेयर मार्केट में ट्रेड और इन्वेस्ट करते है, लेकिन और पैसा कमाने की बजाय काफी बार अपनी मेहनत की कमाई रातों रात खो बैठते है। बाजार, नुक्सान के ऐसे ही उदाहरणों से भरा पड़ा है। शेयर मार्केट में नुकसान से बचाव का कोई भी गेरेंटेड तरीका नहीं है, और ना ही इसे पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है फिर भी कुछ ऐसी रणनीतियां और तरीके हैं जो आपके नुकसान को कम करने में मदद कर सकती हैं। क्या है वह तरीके? यही जानते है आज के आर्टिकल “Share Market me nuksaan se Bachne ke tips” में। लेकिन उस से पहले जान लेते है की आखिर शेयर मार्केट में नुक्सान होता किन कारणों से है?
शेयर मार्केट में नुक्सान के कारण – Share Market me nuksaan ke karan
आर्थिक कारण – Economic Factors: इन्फ्लेशन, ब्याज दरों का बढ़ना और कमजोर कस्टमर सेंटीमेंट समेत कई सारे कारकों का शेयर मार्केट पर प्रभाव पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि अन्य इन्वेस्टमेंट साधनों की ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो इससे स्टॉक की कीमतों में कमी आ सकती है क्योंकि इन्वेस्टर अन्य निवेश विकल्पों जो सेफ रिटर्न ऑफर करते है, में इन्वेस्ट कर सकते है।
कंपनी का प्रदर्शन – Company Performance: शेयर मार्केट में इन्वेस्टर स्टॉक्स में रूप में किसी कंपनी में indirectly इन्वेस्ट करते है। कंपनी का प्रदर्शन सीधे उसके शेयर की कीमत को प्रभावित कर सकता है। खराब वित्तीय परिणाम, निराशाजनक कमाई की रिपोर्ट, या किसी कंपनी के बारे में नकारात्मक समाचार से उसके शेयर की कीमत में गिरावट आ सकती है।
भू–राजनीतिक घटनाएं – Geopolitical Events: शेयर मार्केट को राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध और अन्य भू-राजनीतिक घटनाएं भी प्रभावित कर सकती हैं। ये घटनाएं अनिश्चितता पैदा कर सकती हैं जिससे इन्वेस्टर अपने स्टॉक्स को बेचते है। पैनिक में आकर बाकि इन्वेस्टर भी अपने शेयर्स को तेजी से बेचते है जिसमे शेयर्स की कीमतों में तेजी से गिरावट आती है।
मार्केट सेंटीमेंट – Market Sentiment: शेयर मार्केट काफी हद तक इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट से प्रभावित होता है। अगर इनवेस्टर भविष्य के बारे में आश्वस्त हैं, तो उनके शेयरों में निवेश करने की अधिक संभावना हो सकती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं। इसके विपरीत, यदि इन्वेस्टर निराशावादी हैं, तो उनके शेयरों को बेचने की अधिक संभावना हो सकती है, जिससे कीमतों में गिरावट आ सकती है।
प्राकृतिक आपदाएं – Natural Disasters: तूफान, भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी शेयर बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। ये घटनाएं कंपनियों के काम काज को बाधित कर सकती हैं और कंपनियों के प्रॉफिट कम होने का कारण बन सकती हैं, जिससे स्टॉक की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
शेयर मार्केट में नुक्सान से बचने के टिप्स – Share Market me nuksaan se Bachne ke tips
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन – Portfolio Diversification: पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन यानि की अपनी सारी पूंजी को ही स्टॉक या एसेट में इन्वेस्ट करने की बजाय अलग अलग कंपनियों, क्षेत्रों और वर्गों, जैसे स्टॉक, बॉन्ड और रियल एस्टेट में बांटना। इस तरह अगर कोई एक सेक्टर या कंपनी भी अच्छा परफॉर्म नहीं करती तो अलग अलग जगह पैसा लगा होने के कारण नुक्सान काफी हद तक कम हो जाता है। इसलिए कभी भी सारा पैसा एक स्टॉक या सेक्टर में ना लगाएं। किसी अच्छे फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले और पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करे।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट – Long Term Investment: शेयर मार्केट कम टाइम अवधि में अस्थिर होता है, जो की मार्केट में चल रही न्यूज और इवेंट आदि के कारण होता है। लेकिन देखा जाए तो ऐतिहासिक रूप से लॉन्ग टर्म में मार्केट ने पॉजिटिव रिटर्न ही दिए है। इसलिए इन्वेस्टर को चाहिए की शार्ट टर्म में मार्केट के उतार चढाव की चिंता किए बिना लॉन्ग टर्म के लिए मार्केट के लिए इन्वेस्टेड रहे और अच्छी रिटर्न का लाभ उठाए।
अपनी रीसर्च – Own Research: शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले, कंपनी के financials, मैनेजमेंट, मार्केट competition और विकास की संभावनाओं पर गहन शोध करें। सुनिश्चित करें कि आप शामिल जोखिमों को समझते हैं और investment objective को सामने रखकर इन्वेस्टमेंट कर रहे है। शेयर मार्केट की टिप्स और अफवाहों में आकर कभी भी इन्वेस्टमेंट ना करे। इससे आपको एक अच्छा इन्वेस्टमेंट निर्णय लेने में मदद मिलेगी और आप हाई रिस्क वाली कंपनियों में इन्वेस्ट करने से बचे रहेंगे।
मार्केट टाइमिंग से बचें – Don’t Time the Market: स्टॉक मार्केट के शॉर्ट-टर्म मूवमेंट से भविष्य की कीमतों का अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल है, इसलिए मार्केट को टाइम करने की कोशिश करने से बचें। इसके बजाय अच्छी फंडामेंटल वाली कंपनियों को उचित मूल्य पर खरीदने रहे और उन्हें लंबी अवधि के लिए रखने पर ध्यान दें।
एक योजना बनाएं – Stick to a Plan: एक स्पष्ट इन्वेस्टमेंट प्लान बनाएं और उस पर टिके रहें। नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो को चेक करते रहे और आवश्यकतानुसार उसमे फेरबदल करे, लेकिन बाजार की शार्ट टर्म गतिविधियों के आधार पर भावनात्मक निर्णय लेने से बचें।
स्टॉप–लॉस ऑर्डर सेट करें – Use stop loss Order: स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक स्टॉक को बेचने का ऑर्डर है जिसमे आप एक लिमिट प्राइस सेट करते है। अगर उस स्टॉक की कीमत उस निश्चित लिमिट से नीचे आती है तो सिस्टम अपने आप ही उस स्टॉक को बेच देता है। स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करने से आपका नुकसान काफी हद तक सीमित हो जाता है।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट – Long Term Investment: ज्यादातर लोग शेयर मार्केट में इस उम्मीद से आते है की वह बहुत ही कम समय में वह अपने पैसे को दोगुना, तिगुना, कर लेंगे लेकिन यह एक गलत सोच है। बाजार को टाइम दे और जल्दी मुनाफा कमाने की कोशिश करने के बजाय, लंबी समय के लिए निवेश करने पर ध्यान दें। ऐतिहासिक रूप से, शेयर बाजार ने लंबी अवधि में पॉजिटिव रिटर्न दिया है, इसलिए लंबे समय तक अपने निवेश को बनाए रखने से, आप temporary उतार-चढ़ाव से बाहर निकलने में सक्षम हो सकते हैं।
पेशेवर सलाह लें – Seek Expert Financial Advice: अगर आपको शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट और रिसर्च करने के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और सिर्फ सुनी सुनाई बातो में आकर ही यह कदम उठा रहे है, तो आपको एक बार फिर से सोचने की जरुरत है। ऐसे केस में आपको एक पेशेवर फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद लेनी चाहिए जो आपको सही गाइड करने और सही फैसला लेने में मदद कर सकता है।
यह भी जानिए: Share Market ke fayde aur nuksaan
इसमें कोई शंका नहीं है की शेयर मार्केट बहुत कम समय में बहुत अच्छी रिटर्न देने की क्षमता रखता है। लेकिन यह तभी संभव है अगर सोच समझ कर समझदारी से निवेश किया जाए। काफी सरे लोग रातों रात अमीर बनने के सपना लेकर इस मार्केट में आते है और जो कुछ भी अपने पास है उसे भी खो बैठते है। इस मार्केट में पूरी तरह से नुक्सान से बच पाना किसी भी तरह संभव नहीं है फिर में ऊपर बताई गई बातो को ध्यान में रखकर हम काफी हद तक अपने नुक्सान को कंट्रोल कर सकते है।