बैंकिंग जगत में हमे कई सारी फाइनेंशियल टर्म के बारे में सुनने और जानने को मिलता है जैसे की IFSC, RTGS, UPI आदि। यह सारी टर्म अलग अलग बैंकिंग फंक्शन से जुड़ी हुई है और हमारे रोजाना पैसों के लेन देने को पूरा करने में इनका बहुत बड़ा योगदान है। ऐसी ही एक टर्म है MICR कोड। आज के इस आर्टिकल “MICR full form in hindi” में हम MICR कोड के बारे में जानने की कोशिश करेंगे और यह समझेंगे की बैंकिंग जगत में इसका क्या महत्व है।
MICR कोड क्या है – MICR full form in Hindi
MICR कोड का फुल फॉर्म है: Magnetic Ink Character Recognition
MICR 9 डिजिट का एक यूनिक कोड होता है जो अक्सर हमे चेक के निचले तरफ देखने को मिलता है। इसके जरिए हमे बैंक और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन के बारे में जरूरी जानकारी मिलती है। इसका हरेक डिजिट यूनिक होता है और हमे अकाउंट से जुड़े बैंक और ब्रांच की जरूरी जानकारी देता है। इसकी मदद से चेक द्वारा की जा रही फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को सिक्योर और तेज बनाया जाता है।
MICR कोड को पहली बार अमेरिकन बैंकर्स एसोसिएशन द्वारा 1950 में डेवलप किया गया था और इसके बाद से यह भारत समेत कई देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। MICR कोड को डिकोड करने के लिए मशीन सबसे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1980 में लॉन्च की थी।
MICR कोड का फॉर्मेट – MICR code ka format
MICR 9 डिजिट का कोड होता है जिसके नंबर्स ECS सिस्टम में भाग लेने वाले बैंको की जरूरी जानकारी प्रदान करते है। इनके डिजिट के मतलब नीचे दिए अनुसार है:
पहले तीन डिजिट: MICR कोड पहले तीन डिजिट शहर को रिप्रेजेंट करते है, यानि की वह शहर जहां पर बैंक की ब्रांच स्तिथ है।
बीच के तीन डिजिट: यह तीन डिजिट उस बैंक के कोड को रिप्रेजेंट करते है जहां पर व्यक्ति का खाता है।
अंत के तीन डिजिट: अंत के तीन डिजिट बैंक के ब्रांच कोड को रिप्रेजेंट करते है।
MICR कोड की विशेषताएं – MICR code ki visheshtaye
- MICR कोड का इस्तेमाल बैंक और ट्रांजेक्शन से जुड़ी जानकारी को स्टोर करने के लिए किया जाता है ताकि कोई भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन बिना किसी दिक्कत के आसानी से पूरी हो सके।
- MICR कोड कई सारे डिजिट का एक कॉम्बिनेशन होता है जिनकी आमतौर पर संख्या 9 होती है।
- हर बैंक का अपना एक अलग MICR कोड होता है।
- MICR कोड के इस्तेमाल से चेक क्लियरिंग का प्रोसेस तेज और सिक्योर हो जाता है।
- MICR कोड का इस्तेमाल नेशनल ट्रांजेक्शन के साथ साथ इंटरनेशनल ट्रांसफर के लिए भी किया जाता है।
- MICR कोड को मैग्नेटिक इंक और यूनिक font के साथ प्रिंट किया जाता है इसलिए इसे आसानी के कॉपी नही किया जा सकता।
MICR कोड कैसे काम करता है – MICR code kaise kaam karta hai
MICR कोड के डिजिट एक बैंक के चेक के बॉटम में प्रिंट होते है जिन्हें की मैग्नेटिक इंक द्वारा प्रिंट किया जाता है। यह मैग्नेटिक इंक अपने आप में कुछ इन्फॉर्मेशन को स्टोर करके रखती है। यह इन्फॉर्मेशन तभी पढ़ी जा सकती है जब चेक को एक ऐसी मशीन में डाला जाता है जो इसे डिकोड कर सके। MICR कोड में छुपा डाटा यूनिक होता है जो ट्रांजेक्शन में किसी भी तरह की डुप्लीकेसी की रोकथाम का काम करता है। इस डाटा में चेक नंबर, अकाउंट नंबर और MICR लाइन का रूटिंग नंबर शामिल होता है।
MICR कोड कहां इस्तेमाल होता है – MICR code kahan istemaal hota hai
MICR कोड का इस्तेमाल मुख्य रूप से बैंकिंग में चेक और डॉक्यूमेंट की क्लियरिंग में किया जाता है। ये कोड मैग्नेटिक इंक से प्रिंट किया जाता है इसलिए इसकी नकल करना मुश्किल होता है। इसकी मदद के चेक की प्रोसेसिंग को तेज और बिना गलती के की जा सकने में मदद मिलती है।
MICR कोड कैसे पता करे – MICR code kaise pata karen
MICR को पता करने के काफी तरीके है जैसे की:
- यह आमतौर पर चेक के बॉटम में चेक नंबर के साथ प्रिंटेड होता है।
- आपके अकाउंट से जुड़ी बैंक पासबुक कॉपी पर भी MICR कोड दिया गया होता है।
- आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी इस कोड का पता लगा सकते है।
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निष्कर्ष – Conclusion
बैंकिंग जगत में MICR कोड की अपनी एक अहम भूमिका है। रोजाना की ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग में इस से बहुत मदद मिलती है और इसी के कारण आज हमारे चेक या ऑनलाइन की जाने वाली ट्रांजेक्शन तेज और सिक्योर हो पाती है।