Trading kaise sikhe – शेयर मार्केट में नए लोग कैसे सीखे ट्रेडिंग?

शेयर मार्केट से सबसे जल्दी पैसे कमाने का तरीका है ट्रेडिंग। ट्रेडिंग यानी को स्टॉक को लंबे समय के लिए होल्ड ना करते हुए शॉर्ट टर्म में प्रॉफिट कमाने के लिए लेना। यह शॉर्ट टर्म इंट्राडे हो सकता है, स्काल्पिंग हो सकता है, कुछ दिन और कुछ हफ्तों के लिए भी हो सकता है। अक्सर नए लोग शेयर मार्केट में जल्दी पैसा कमाने के इरादे से ही आते है। अधूरी जानकारी और बिना मार्गदर्शन के ट्रेडिंग करने से उन्हें फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इसलिए जरूरी है की अगर आप शेयर मार्केट में नए है तो सबसे पहले इसके बारे में पूरी जानकारी जुटाए और इसे सीखने की कोशिश करे। आज के आर्टिकल “Trading kaise sikhe” में हम इसी बात को जानने की कोशिश करेंगे की वह कौन से तरीके है जिनके जरिए हम ट्रेडिंग को सीख और समझ सकते है।

Trading kaise sikhe

ट्रेडिंग कैसे सीखें – Trading kaise sikhe

शेयर बाजार बहुत बड़ा है और इससे पैसे कमाने के बहुत से तरीके है। ट्रेडिंग भी इन्ही तरीको में से एक हैं जो आपको शॉर्ट टर्म में भी अच्छा मुनाफा कमा के दे सकता है। ट्रेडिंग एक स्किल की तरह है और इसे सीखने के लिए हमे इसमें पैसा और टाइम दोनो इन्वेस्ट करने पड़ते है। समय बीतने के साथ जैसे जैसे हमारा एक्सपीरियंस बढ़ता जाता है हमारी ट्रेडिंग में भी उतना ही सुधार आने की संभावना बढ़ जाती है। एक beginner शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को कैसे सीख सकता है इसके लिए कुछ जरूरी स्टेप्स और तरीके नीचे दिए गए है।

ट्रेडिंग की बेसिक को जाने 

ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है की ट्रेडिंग की बेसिक चीजे क्या है। इन्वेस्टिंग के विपरीत जहां हम कंपनी की बैलेंस शीट और फाइनेंशियल रेश्यो आदि का अध्यन करते है, ट्रेडिंग में हम सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस की मदद से कोई निर्णय लेते है। टेक्निकल एनालिसिस को ट्रेडिंग का बेस कहा जा सकता है इसलिए सबसे पहले हमे टेक्निकल एनालिसिस सीखने की जरूरत है। इसके अंतर्गत हमे:

स्टॉक के चार्ट और चार्ट पैटर्न

कैंडलस्टिक क्या है, इसके प्रकार और कैसे काम करता है।

स्पोर्ट और रेजिस्टेंस क्या होता है और कैसे काम करता है।

टेक्निकल इंडिकेटर को समझना।

प्राइस एक्शन को समझना।

रिस्क रिवार्ड को समझना जरूरी है।

ऊपर बताए पॉइक्ट टेक्निकल एनालिसिस के मुख्य भाग है और इन्ही के कॉम्बिनेशन से टेक्निकल एनालिसिस काम करता है। कैंडलेस्टिक चार्ट हमारे ब्रोकर द्वारा दिए गए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर आसानी से मिल जाते है। इसके इलावा कई ऐसी वेबसाइट्स है जहां पर स्टॉक चार्ट को आसानी से देखा और एनालाइज किया जा सकता है। ऐसी ही कुछ वेबसाइट है investing.com और tradingview.

ट्रेडिंग बुक्स

ट्रेडिंग के बेसिक और एडवांस को सीखने के लिए सबसे असरदार तरीका है उन लोगों से सीखना जिन्होंने अपने प्रैक्टिस और तजुर्बे से ट्रेडिंग में नए मुकाम हासिल किए हुए है। यानी की वह लोग जिन्होंने ट्रेडिंग को एक फुल टाइम प्रोफेशन के रूप में अपनाया है और स्टॉक मार्केट के अलग अलग पड़ाव देखे है। इन एक्सपर्ट ट्रेडर्स ने अपने अनुभव के आधार पर कई सारी किताबे लिखी है जो हमे ट्रेडिंग की बेसिक से एडवांस सभी तरह की जानकारी देने में सक्षम है। इन किताबों को हम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो मार्केट से आसानी से खरीद कर बहुत कुछ सीख सकते है। इनमे के कुछ बेहतरीन बुक्स है: Trading in the zone, Market Wizards.

ट्रेडिंग कोर्स

आजकल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो तरीकों से ही ट्रेडिंग एक्सपर्ट द्वारा ट्रेडिंग कोर्स चलाए जा रहे है। आप इन कोर्स में एनरोल होकर ट्रेडिंग के बारे में सीख सकते है। इन कोर्स से जुड़ने के लिए आपको कुछ फीस भी भरनी पढ़ सकती है। लेकिन यहां इस बात का ध्यान रखे की किसी भी तरह के कोर्स में एनरोल होने से पहले उसे चलाने वाले व्यक्ति के बारे में अच्छे से जांच कर लें।

ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखे

कुछ भी तुरंत जानने या सीखने की इच्छा हो तो इसका सबसे अच्छा तरीका है गूगल या यूट्यूब पर उसके बारे में सर्च करना। यह किसी भी चीज के बारे में जानने का सबसे तेज और फ्री तरीका है। ट्रेडिंग के केस में भी आपको इंटरनेट और यूट्यूब पर बहुत सारा मैटेरियल फ्री में मिल जायेगा। आप इन प्लेटफार्म पर जाकर ट्रेडिंग से संभतित सभी चीजे आसानी से जान और समझ सकते है। इसके इलावा कई सारे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे की trading view आदि में ट्रेडर्स की एक कम्यूनिटी बनी होती है जो अपनी समझ के अनुसार उसमे एजुकेशनल मैटेरियल और स्टॉक चार्ट आदि पोस्ट करते रहते है। उन सब का अध्यन करके भी आप ट्रेडिंग के बारे में बहुत कुछ सीख सकते है।

ट्रेडिंग प्रैक्टिस

आपने जो कुछ भी ट्रेडिंग के बारे में ऑनलाइन सीखा हो या किसी कोर्स की मदद ली हो, उसमे असल में अपने पैसे लगाने से बेहतर है पहले आप वर्चुअल पैसे से ट्रेडिंग की प्रैक्टिस कर ले। प्रैक्टिस करने के इस तरीके को पेपर ट्रेडिंग कहते है। पेपर ट्रेडिंग यानी की बिना असल पैसे के ट्रेडिंग करना। पेपर ट्रेडिंग आप manually भी कर सकते है और इसके लिए ऑनलाइन बहुत सारे ऐप उपलब्ध है या ऐसी कई सारी वेबसाइट है जो हमे पेपर ट्रेडिंग की सहूलियत देती है।

Manual पेपर ट्रेडिंग के लिए आप स्टॉक के चार्ट पर नजर रखे। जब भी आपको कोई ट्रेडिंग अवसर दिखे तो अपनी स्ट्रेटजी अनुसार एंट्री प्राइस, टारगेट प्राइस और स्टॉप लॉस को एक जगह पर नोट कर ले। इस तरह जब ट्रेड आपके निश्चित स्टॉप लॉस या टारगेट को हिट करे तो उसे भी नोट कर ले। इस तरह से कई ट्रेड ले और अंत में उन सबको एनालिसिस करे। अगर आपके लिए गए ट्रेड की एक्यूरेसी 60% से ज्यादा है तो इसका मतलब है की आप प्रॉफिटेबल है और आपकी स्ट्रेटजी काम कर रही है। इस प्रैक्टिस को आप कई हफ्तों या महीनो तक कर सकते है और बिना पैसे के ट्रेडिंग में एक्सपीरियंस पा सकते है।

अगर आप manual पेपर ट्रेडिंग नही करना चाहते तो इंटरनेट में कई सारे ऐसे ऐप और वेबसाइट है जो आपको फ्री में पेपर ट्रेडिंग की सुविधा देते है। यहां पर आपको किसी भी चीज को नोट करने के जरूरत नहीं होती और आप बिलकुल असल ट्रेडिंग की तरह ही अपने ऑर्डर प्लेस कर पाते है। ऐसी ही कुछ वेबसाइट है: Neostox और Frontpage.

ट्रेडिंग में ध्यान रखने वाली बातें – Trading me dhyan rakhne wali baate

मनी मैनेजमेंट: एक मशहूर कहावत है, पैसा ही पैसे को खींचता है। यानी की अगर आपने पैसा कमाना हैं तो आपके पास पहले से भी पैसा होना चाहिए। यही बात ट्रेडिंग पर भी खरी उतरती है। आप स्टॉक मार्केट से तभी प्रॉफिट कमा पाओगे जब आपके पास ट्रेड करने के लिए पर्याप्त कैपिटल होगी और उस कैपिटल को लॉस से बचाने की क्षमता। इसलिए मनी मैनेजमेंट को ट्रेडिंग में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मनी मैनेजमेंट में इस बात पर ध्यान दिया जाता है की आप एक ट्रेड के लिए कितना पैसा एलोकेट कर रहे है और उस पैसे पर मैक्सिमम कितना लॉस होने की संभावना है। कभी भी एक ट्रेड में अपना सारा कैपिटल ना लगाए और जितना पैसा भी लगाए उसमे पूरी तरह रिस्क को मैनेज करके चले।

रिस्क रिवार्ड रेश्यो: रिस्क रिवार्ड यानी की आप कितना रिस्क लेकर कितने प्रॉफिट का टारगेट रख रहे है। अगर आपकी रिस्क रिवार्ड रेश्यो सही होगी तभी आप लॉन्ग टर्म में ट्रेडिंग में टिक पाएंगे। मान लीजिए आपका रिस्क रिवार्ड रेश्यो 1:1 है, यानी की जितना आपका टारगेट है उतना ही स्टॉपलॉस है। इस केस में आपको प्रॉफिटेबल होने के लिए हर 10 ट्रेड में से 6 या उस से ज्यादा ट्रेड का सही बैठना जरूरी है तभी आप अपनी कैपिटल को लॉस से बचा पाएंगे और ट्रेडिंग के चार्ज को निकाल पाएंगे। लेकिन स्टॉक मार्केट में सब प्रिडिक्शन पर काम करता है और आप इतनी ही बार सही हो इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए अपना रिस्क रिवार्ड रेश्यो कम से कम 1:3 का रखे। यानी अगर आप 5 रुपए के स्टॉप लॉस रख रहे है तो 15 रुपए तक के टारगेट के लिए बैठे। इस से आपके ज्यादा ट्रेड गलत होने पर भी कैपिटल में नुकसान होने के संभावना बहुत कम हों जायेगी।

लिमिट में ट्रेडिंग: ओवरट्रेडिंग करना ट्रेडिंग में लॉस का एक बड़ा कारण हो सकता है। ट्रेडिंग करते समय हम अक्सर इमोशन में आकर कई सारे ट्रेड ले लेते है जो कई बार हमारे पिछले ट्रेड के प्रॉफिट को भी लॉस में बदल देता है। इसलिए अपनी दैनिक ट्रेडिंग के लिए कुछ रूल सेट करके चले, जैसे की एक दिन में एक निश्चित अमाउंट से ज्यादा लॉस हो जाए तो ट्रेडिंग को बंद कर दे या एक दिन में सिर्फ 2 या 3 ट्रेड ही ले। ऐसा करके आप ओवरट्रेडिंग से बचे रहकर एक अच्छे ट्रेडर बन सकते है।

स्टॉपलॉस: स्टॉपलॉस यानी की वह प्राइस लिमिट जिस पर स्टॉक प्राइस आने पर आप किसी भी हालत में ट्रेड से बाहर आ जायेंगे। कोई भी ट्रेड लेते समय हमेशा उसका स्टॉपलॉस निर्धारित कर के रखे। स्टॉपलॉस ही एक ऐसा टूल है जो आपको स्टॉक मार्केट में बड़े लॉस से बचा सकता है। यह आपके रिस्क को लिमिट करने के साथ साथ ही आप में discipline लाने और इमोशन को कंट्रोल करने में मदद करता है।

ट्रेडिंग माइंडसेट: ट्रेडिंग में अगर आप सफल होना चाहते है तो सबसे जरूरी जो चीज हैं जिस पर आपको काम करना है वो है आपका माइंडसेट। अपने माइंडसेट को इस तरह से बनाए की आप इमोशन में आकर कोई गलत निर्णय या किसी गलत ट्रेड में कदम ना रखे। अक्सर यही देखा जाता है की पहले ट्रेड में हुए लॉस को कवर करने के लिए ट्रेडर कई और ट्रेड ले बैठते है चाहे मार्केट की दिशा उसके विरुद्ध ही क्यों ना हो या फिर किसी ट्रेड में हो रहे नुकसान को समय पर क्लोज नही करते और एवरेजिंग का सहारा लेते है। कई बार तो ट्रेडर अपने सही ट्रेड में भी नुकसान होने के डर की वजह से समय से पहले बाहर निकल जाते है जिस कारण जो प्रॉफिट होना होता है वह भी नही हों पाता। इसलिए ट्रेडिंग करते समय अपने माइंडसेट को सही रखना और इमोशन पर काबू रखना बहुत जरूरी है।

ट्रेडिंग स्ट्रेटजी: ट्रेडिंग स्ट्रेटर्जी यानी की वह प्लान या रूल सेट जिसके मुताबिक आप अपने ट्रेड को लेते हो। यह स्ट्रेटजी कैसी भी हो सकती जैसे की प्राइस एक्शन पर बेस्ड, इंडिकेटर पर बेस्ड या मोमेंटम बेस्ड। हर ट्रेडर अपनी सहूलियत और माइंडसेट के अनुसार स्ट्रेटजी को अपनाता है। अगर आप लॉन्ग टर्म में अपनी स्ट्रेटजी में बने रहते हुए प्रैक्टिस करते रहते हैं तो सफलता जरूर मिलती है।

टिप्स से बचे: आजकल सोशल मिडिया और ऑनलाइन मैसेजिंग प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग पर टिप्स के जुड़े काफी सारे स्कैम चल रहे है जो आपको कुछ पैसे के बदले इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स देते है। एक नए और अनुभवी दोनो ट्रेडर के लिए बेहतर यही है की इन चीजों से बच के रहे। अपनी स्ट्रेटजी पर बने रहे और उसी अनुसार चार्ट का अध्यन करके अपने ट्रेडिंग प्लान बनाए।

यह भी जाने: Technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या है क्यों और कैसे सीखें

निष्कर्ष – Conclusion

अंत में यही कहना चाहूंगा की अगर आप ट्रेडिंग को एक बिजनेस की तरह लेते है और पूरी लगन के साथ इसे सीखते और प्रैक्टिस करते है तो दुनिया में इस से बेहतर पैसा कमाने का कोई और तरीका नही है। यह आपको कम समय में अच्छा पैसा बनाकर तो देता ही है साथ ही आपको नौकरी की तरह एक जगह बंध कर नही रहना पड़ता। जल्दी पैसा कमाने के लिए ट्रेडिंग में बहुत सारे लोग कदम तो रखते है लेकिन जल्द ही अपनी कैपिटल को गंवा देते है। इसलिए बेहतर यहीं है की इसे एक प्रोफेशन की तरह ले और इसे सीखने और एक्सपीरियंस के लिए पर्याप्त समय दें।

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