इंश्योरेंस जगत में हमारी फाइनेंशियल जरूरतों के हिसाब से कई सारे प्लान उपलब्ध है और एंडोमेंट प्लान्स उन्ही में से एक है। हमारे परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने में एंडोमेंट प्लान्स एक अहम भूमिका निभा सकते है। एंडोमेंट प्लान एक स्पेशल तरह के इंश्योरेंस प्रोडक्ट होते है जो हमे इंश्योरेंस और सेविंग दोनों का फायदा देते है। इस आर्टिकल “Endowment plan meaning in Hindi” में हम एंडोमेंट प्लान के बारे में जानते हुए इस बात पर भी चर्चा करेंगे की यह हमे क्यों लेने चाहिए और इनसे हमे क्या फायदा और नुक्सान है, ताकि आपको एक अच्छा फाइनेंशियल निर्णय लेने में मदद मिल सके।
एंडोमेंट प्लान क्या होता है – Endowment plan meaning in Hindi
एंडोमेंट पालिसी एक तरह का इंश्योरेंस प्लान होता है जिसे लेने वाले को इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट दोनों का लाभ मिलता है। यह प्लान इस तरह से डिजाइन किए गए है की यह आपकी इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट, दोनों जरूरतों को पूरा करते है। इसके अंतर्गत एक तय टाइम पीरियड तक आपको एक रेगुलर प्रीमियम भरना पड़ता है। अगर आपको पालिसी का समयकाल पूरा होने तक कुछ नहीं होता तो एक फिक्स्ड अमाउंट मैच्योरिटी पर अदा की जाती है जिसका इस्तेमाल आप अपने लॉन्ग टर्म गोल जैसे की बच्चो की शादी, पढ़ाई का खर्च, घर बनाने आदि में कर सकते है।
वहीं दूसरी तरफ अगर पालिसी टर्म के दौरान पॉलिसी होल्डर की मौत हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी एक lumpsum अमाउंट का भुगतान नॉमिनी को करती है जैसा की किसी भी लाइफ इंश्योरेंस प्लान में होता है। इस तरह से एक एंडोमेंट प्लान आपको फाइनेंशियल प्रोटेक्शन देने के साथ ही आपकी रिटायरमेंट और भविष्य के खर्चों को पूरा करने के लिए सेविंग और इन्वेस्टमेंट का एक अच्छा साधन प्रदान करता है।
एंडोमेंट पालिसी कैसे काम करती है – Endowment policy kaise kaam karti hai
हर इंश्योरेंस पालिसी की तरह एंडोमेंट प्लान में आपको एक तय प्रीमियम राशि को हर महीने, क्वार्टर, हाफ इयरली या इयरली इंश्योरेंस कंपनी को देना करना पड़ता है।
भरे जाने वाले प्रीमियम का कुछ भाग इंश्योरेंस प्लान अकाउंट में जाता है। बाकि का प्रीमियम इन्वेस्टमेंट के हिस्से में जाता है जोकि अलग अलग एसेट जैसे की स्टॉक, बांड, गवर्नमेंट सिक्योरिटी आदि में की जाती है। समय से साथ साथ रिटर्न के मुताबिक इन्वेस्टमेंट की वैल्यू बढ़ती जाती है और पॉलिसी होल्डर के survival के केस में एक lumpsum अमाउंट मैच्योरिटी पे अदा की जाती है।
एंडोमेंट प्लान में आमतौर पर फ्लेक्सिबल पेमेंट ऑप्शन होती है जिसके अंतर्गत पालिसी लेने वाला व्यक्ति अपनी फाइनेंशियल स्तिथि के अनुसार इंश्योरेंस प्रीमियम का चुनाव कर सकता है।
कई सारे एंडोमेंट प्लान के साथ राइडर्स और एडिशनल बेनिफिट की ऑप्शन को ऑफर किया जाता है। इन राइडर्स में क्रिटिकल इलनेस राइडर, disability राइडर, accidental कवरेज राइडर, death बेनिफिट राइडर आदि शामिल हो सकते है।
एंडोमेंट पालिसी के प्रकार – Endowment policy ke prakar
एंडोमेंट पालिसी मुख्यता पांच तरह की होती है और इंश्योरेंस लेने वाला व्यक्ति अपनी जरुरत के हिसाब से किसी भी प्लान का चुनाव कर सकता है। यह पांच किस्मे है:
यूनिट लिंक्ड एंडोमेंट पालिसी – ULIP
इस तरह की एंडोमेंट पालिसी में भरे जाने वाला प्रीमियम दो भागो में विभाजित किया जाता है। पहला भाग इन्वेस्टमेंट फॉर्म में इक्विटी, डेब्ट या हाइब्रिड एसेट में इन्वेस्ट किया जाता है जबकि दूसरा भाग इंश्योरेंस प्रीमियम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के प्लान में पॉलिसी होल्डर के पास अपनी इन्वेस्टमेंट एसेट क्लास को चुनने की ऑप्शन होती है। अगर आप हाई रिटर्न चाहते है तो आप इन्वेस्टमेंट पार्ट के लिए इक्विटी क्लास चुन सकते है लेकिन उसमे रिस्क की सम्भावना भी उतनी ही बढ़ जाती है। ऐसे ही कम रिस्क के लिए आप डेब्ट या हाइब्रिड फण्ड का चुनाव कर सकते है। ULIP प्लान में इन्वेस्टमेंट करने से पहले इस बात का ध्यान रहे की यह प्लान 5 साल के लॉक इन पीरियड के साथ आते है यानि की आप किसी भी तरह की अमाउंट, फुल या पार्शियल केवल 5 साल के बाद ही निकलवा सकते है।
गारंटेड एंडोमेंट प्लान – Guaranteed Endowment Plan
इस तरह के प्लान में पॉलिसी होल्डर को एक फिक्स्ड या गारंटेड रिटर्न ऑफर की जाती है। पालिसी के एक्सपायरी होने पर insured व्यक्ति को lumpsum अमाउंट के साथ एडिशनल लॉयल्टी या बोनस जो भी एप्लीकेबल हो, साथ में दिया जाता है।
नॉन प्रॉफिट एंडोमेंट प्लान्स – Non-profit Endowment Plan
इस तरह के एंडोमेंट प्लान में किसी भी तरह के बोनस नहीं दिए जाते इसलिए इन्हे नॉन प्रॉफिट प्लान कहा जाता है। इसमें insured व्यक्ति को केवल मैच्योरिटी पे sum assured या डेथ पर क्लेम अमाउंट दी जाती है।
फुल या विथ प्रॉफिट एंडोमेंट प्लान्स – Full/With Profit Endowment Plan
इस तरह की एंडोमेंट पालिसी में पालिसी लेते समय गारंटेड और sum assured अमाउंट का कॉन्ट्रैक्ट तो किया ही जाता है, लेकिन मैच्योरिटी पर यह अमाउंट ज्यादा भी हो सकती है। कई कंपनियां समय समय पर अपने कस्टमर्स के लिए बोनस की घोषणा करती रहती है। अगर कंपनी इस तरह के बोनस की घोषणा करती है तो इसका भुगतान पॉलिसी होल्डर की मृत्यु पर नॉमिनी को या पालिसी की मैच्योरिटी पे किया जाता है।
लो कॉस्ट एंडोमेंट प्लान – Low-cost Endowment Plan
इस तरह के इंश्योरेंस प्लान उन लोगो के लिए बनाए गए है जो अपने भविष्य के लिए कुछ पैसे को बचत करना चाहते है। इसमें अमाउंट का भुगतान एक निश्चित समय अवधि के बाद किया जाता है। इस कारण समय के बीतने के साथ ही पॉलिसी होल्डर के नाम पर एक अच्छी रकम जमा हो जाती है जिसका इस्तेमाल किसी तरह के कर्जे के भुगतान या पहले से तय खर्चों की आपूर्ति के लिए किया जा सकता है।
एंडोमेंट इंश्योरेंस किसे लेना चाहिए -Endowment insurance kise lena chahiye
एंडोमेंट प्लान उन लोगो के लिए उपयोगी है जो:
इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट के लिए अलग अलग जगह इन्वेस्ट ना करके एक ही प्लान के द्वारा अपने जरूरतों को पूरा करना चाहते है।
जिनके पास एक रेगुलर इनकम का फ्लो/सोर्स है और कम रिटर्न और कम रिस्क को प्राथमिकता देते है।
ऐसे लोग जिनके अपने व्यवसाय है, छोटे व्यापारी है या जिनके पास रिटायरमेंट के लिए कोई भी अलग से प्लान नहीं है।
ऐसे लोग जिन्हे फिक्स्ड टाइम पीरियड के बाद एक lumpsum अमाउंट की जरुरत पड़ सकती है।
जो लोग शार्ट टर्म की जगह अपने लॉन्ग टर्म के गोल्स के लिए सेविंग और इन्वेस्टमेंट करना चाहते है।
एंडोमेंट इंश्योरेंस प्लान के फायदे – Endowment insurance plan ke fayde
लाइफ इंश्योरेंस कवर: एंडोमेंट प्लान्स पॉलिसी होल्डर की डेथ होने पर मुआवजा प्रदान करते हैं, यानि अगर पालिसी होल्डर की पालिसी की अवधि के दौरान मौत हो जाती है तो एक lumpsum क्लेम अमाउंट नॉमिनी को दी जाती है। इससे पालिसी होल्डर के अपनों को फाइनेंशियल प्रोटेक्शन मिलती है।
सेविंग और इन्वेस्टमेंट: जैसा की पहले भी बताया गया है एंडोमेंट प्लान्स इंश्योरेंस कवरेज के साथ सेविंग या इन्वेस्टमेंट की ऑप्शन भी ऑफर करते है। पालिसी होल्डर द्वारा भरे गए प्रीमियम का एक हिस्सा इंश्योरेंस करने वाली कंपनी द्वारा अलग अलग एसेट में इन्वेस्ट किया जाता है। समय के साथ यह राशि बढ़ती रहती है जिसे मैच्योरिटी पर रिटर्न समेत पॉलिसी होल्डर को अदा किया जाता है।
मैच्योरिटी बेनिफिट: Pure लाइफ इंश्योरेंस के विपरीत एंडोमेंट प्लान्स मैच्योरिटी बेनिफिट प्रदान करते हैं। अगर पालिसी होल्डर पालिसी अवधि पूरी होने तक जीवित रहता है तो उसे पालिसी अवधि के अंत में एक lumpsum अमाउंट प्राप्त होती है जिसका इस्तेमाल शिक्षा या घर खरीदने जैसे अलग अलग फाइनेंशियल गोल्स के लिए किया जा सकता है।
टैक्स बेनिफिट: एंडोमेंट या इंश्योरेंस प्लान के लिए भरा जाने वाला प्रीमियम इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स फ्री होता है। आप अपनी ITR को फाइल करते वक्त इस डिडक्शन को क्लेम कर सकते है।
Disciplined सेविंग: समय पर रेगुलर प्रीमियम का भुगतान आपके अंदर सेविंग के लिए डिसिप्लिन लाता है। इस से पॉलिसी होल्डर की लॉन्ग टर्म में वेल्थ बनाने की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है।
एंडोमेंट इंश्योरेंस प्लान के नुक्सान – Endowment insurance plan ke nuksaan
कम रिटर्न्स: एंडोमेंट प्लान की मैच्योरिटी पे मिलने वाली रिटर्न मार्किट स्टैण्डर्ड से कहीं कम हो सकती है और केवल उन लोगो के लिए उपयुक्त है जो कम रिस्क वाली एसेट में इन्वेस्ट करना चाहते है। इसके विपरीत अगर आप अपने इन्वेस्टमेंट प्लान को अलग रखते हुए म्यूच्यूअल फण्ड, स्टॉक, PPF आदि साधनो में इन्वेस्ट करते है तो मिलने वाली रिटर्न कहीं ज्यादा हो सकती है। लेकिन इस बात का भी ध्यान रहे की हाई रिटर्न के साथ हाई रिस्क का भी फैक्टर रहता है।
हाई प्रीमियम: Pure इंश्योरेंस प्लान की मुकाबले एंडोमेंट प्लान के प्रीमियम काफी ज्यादा हो सकते है। इसलिए यह लोअर और मिडिल क्लास वर्ग के लोगो के लिए उपयुक्त नहीं है।
लॉक इन पीरियड: एंडोमेंट प्लान आमतौर पर कुछ सालो के लॉक इन पीरियड के साथ आते है जिसके दौरान पालिसी की रकम को निकलवाया नहीं जा सकता। अगर आप कुछ पैसे निकलवाना भी चाहे तो आपको पेनल्टी भरनी पड़ सकती है।
काम्प्लेक्स: आम लोगो के लिए एंडोमेंट प्लान को समझना काफी confusing हो सकता है। कई सारे फीचर होने के कारण लोग इसकी टर्म और कंडीशन को अच्छे से समझ नही पाते और इसी कारण उनका इंश्योरेंस कंपनी के साथ मतभेद हो सकता है।
एंडोमेंट पालिसी खरीदते समय किन बातो का ध्यान रखे – Endowment policy kharidate samay kin baato ka dhyan rakhe
प्रीमियम अमाउंट: एंडोमेंट प्लान लम्बी अवधि के लिए होते है जो कम से कम दस साल का तो होता ही है। एंडोमेंट प्लान की प्रीमियम भी आम लाइफ इंश्योरेंस पालिसी के मुकाबले ज्यादा होते है इसलिए हमे लॉन्ग टर्म थिंकिंग को अपनाते हुए अपनी फाइनेंशियल स्तिथि को ध्यान में रखकर प्रीमियम या पालिसी का चुनाव करना चाहिए।
राइडर्स की सिलेक्शन: एंडोमेंट हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी के साथ कई सारे एडिशनल राइडर्स लेने की ऑप्शन होती है। इनमे से कुछ इंश्योरेंस पालिसी के साथ मिलते है जबकि कुछ हमे अलग से लेने पड़ते है। अक्सर इंश्योरेंस एजेंट इंश्योरेंस पालिसी के साथ ज्यादा से ज्यादा राइडर जुड़वाने की कोशिश करते है जिस से प्रीमियम की अमाउंट में इजाफा होता है। पालिसी लेने वाले को चाहिए की वह सोच समझकर अपनी जरुरत के अनुसार ही राइडर का चुनाव करे।
रिटर्न: एंडोमेंट पालिसी में लाइफ इंश्योरेंस के साथ मैच्योरिटी बेनिफिट भी दिया जाता है। प्लान में ऑफर की जाने वाली रिटर्न गारंटेड और नॉन गारंटेड दोनों तरह की हो सकती है। गारंटेड प्लान में सिर्फ एक फिक्स्ड रिटर्न ऑफर की जाती है जबकि नॉन गारंटेड प्लान की रिटर्न कई फैक्टर्स जैसे की बोनस और एडिशनल बेनिफिट्स के कारण अलग हो सकती है। इसलिए पालिसी के चुनाव करते समय मैच्योरिटी अमाउंट पर मिलने वाली रिटर्न पर भी ध्यान दे।
फ्लेक्सिबल प्रीमियम: एंडोमेंट प्लान में आप फ्लेक्सिबल प्रीमियम यानि की एक ही बार लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने या फिर रेगुलर जोकि मंथली, क्वार्टरली आदि देय होती है को चुन सकते है। आप अपनी इनकम के साधन और प्रोफेशन के हिसाब से उचित ऑप्शन का चुनाव कर सकते है।
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो: इंश्योरेंस पालिसी को लेते वक्त इस रेश्यो को चेक करना सबसे जरुरी है। यह रेश्यो हमे यह बताता है की कंपनी को टोटल मिलने वाले क्लेम से उसने कितने पास किए है और कितने रिजेक्ट। इस से हमे इस बात का अंदाजा लग जाता है की पैसे की जरुरत पड़ने पर कंपनी अपने वादे निभाने में कितनी सक्षम है। कंपनी की क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितनी ज्यादा होगी, उतना ही हमारे लिए अच्छा होगा। सभी इंश्योरेंस कंपनी के प्लान्स को देखने और उनकी क्लेम सेटलमेंट रेश्यो को जानने के लिए आप ऑनलाइन ब्रोकर्स जैसे की Policybazaar, Insurance dekho आदि की वेबसाइट को चेक कर सकते है।
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निष्कर्ष – Conclusion
संक्षेप में यही कहा जा सकता है की एंडोमेंट प्लान, एक साथ इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट दोनों के ही फीचर लेके आते है और अधिकतर लोगो की यही दो मुख्य फाइनेंशियल जरूरत होती है। लेकिन यहां ध्यान देने योग्य बात यह है की यह अपनी वेल्थ को बढ़ाने का एक असरदार तरीका नहीं है। ज्यादा प्रीमियम में आप जितनी अमाउंट को भरेंगे उतनी ही अगर आप किसी और एसेट में इन्वेस्ट करें तो एंडोमेंट प्लान से कई बेहतर रिटर्न पा सकते है। आप लोगो के लिए यह जरुरी है की अपनी जरुरत के हिसाब से सोच समझ कर ही कोई भी इन्वेस्टमेंट निर्णय ले। मेरी राय में तो आपको हमेशा अपने इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट की जरुरत को अलग अलग मैनेज करना चाहिए क्युकी इस से एक तो आपके पैसे की भी बचत होगी और इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अच्छी रहेगी।