DVR share kya hote hai – जानिए DVR शेयर क्या है और कम्पनी क्यों इश्यू करती है

अगर आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं तो आपने Tata motor DVR शेयर के बारे में जरूर सुना होगा और आपके मन में यह विचार भी आया होगा कि जब कंपनी एक है तो इसके दो तरह के शेयर क्यों लिस्ट किए गए हैं। असल में शेयर बाजार में कंपनी शेयर्स की कई तरह के किस्में हो सकती है और DVR शेयर उन्ही में से एक है। अब सवाल यह रह जाता है कि आखिर DVR शेयर होता क्या है, कंपनी इन्हे इश्यू क्यों करती है और हम इन्वेस्टर को इन से किस तरह से फायदा होता है। इन्हीं सब सवालों का जवाब हमने हमारे इस आर्टिकल “DVR share kya hote hai” में देने की कोशिश की है।

DVR share kya hote hai

DVR शेयर क्या होते हैं – DVR share kya hote hai

DVR शेयर की फुल फॉर्म होती है: Differential voting rights share

DVR ऐसे शेयर होते है जो इसके शेयर होल्डर को आम शेयर होल्डर के मुकाबले ज्यादा या कम वोटिंग राइट देते है। जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हों तो खरीदे के शेयर के मुताबिक आप उस कंपनी में हिस्सेदार बन जाते हो। हिस्सेदार होने के नाते जब भी कम्पनी कोई मैनेजमेंट डिसीजन लेती हैं तो उसके पक्ष में या उसके खिलाफ आप वोटिंग कर सकते हो। DVR शेयर आपके इन्ही वोटिंग राइट को कम या ज्यादा कर सकता है। SEBI के मुताबिक कोई भी कंपनी ज्यादा वोटिंग राइट वाले शेयर इश्यू नहीं कर सकती, इसलिए भारत में सिर्फ कम वोटिंग राइट वाले शेयर ही इश्यू किए जातें है। आमतौर पर इन शेयर का प्राइस आर्डिनरी शेयर से कम होता है और इनमे इन्वेस्टर को आर्डिनरी शेयर के मुकाबले ज्यादा डिविडेंड ऑफर किया जाता है।

कंपनी DVR शेयर क्यों जारी करती है – Company DVR share kyu jaari karti hai

कंपनी द्वारा DVR शेयर को इश्यू करने के पीछे का मुख्य कारण प्रमोटर्स का मैनेजमेंट में अपनी हिस्सेदारी को बरकरार रखना है। अगर कंपनी आर्डिनरी शेयर को इश्यू करती है तो शेयर होल्डर के पास कंपनी के मैनेजमेंट में वोटिंग करने का बराबर अधिकार होता है जिस कारण अगर कंपनी के किसी निर्णय के पक्ष में शेयर होल्डर वोट नहीं करते तो उन्हें उस निर्णय को होल्ड करना पड़ सकता है। वहीं DVR शेयर के केस में शेयर होल्डर के पास कम वोटिंग राइट होते है जैसे की 10 DVR शेयर के बदले सिर्फ एक वोटिंग राइट होता है, जिस से कम्पनी प्रमोटर्स, पब्लिक से शेयर के बदले पैसे भी जुटा लेते है और उनकी हिस्सेदारी में भी कमी नही आती। कम वोटिंग राइट के बदले इन्वेस्टर को कुछ बेनिफिट जैसे की ज्यादा डिविडेंड और डिस्काउंटेड या कम रेट में शेयर खरीदने को मिलते है। कंपनी एक्ट 2013 के मुताबिक अगर किसी बिजनेस ने लगातार 3 साल तक प्रॉफिट रिपोर्ट किया है तो वह DVR शेयर इश्यू कर सकती है।

DVR शेयर में क्यों इन्वेस्ट करना चाहिए – DVR share me kyu invest karna chahiye

DVR शेयर में इनवेस्ट करना उन लोगो के लिए फायदेमंद है जिन्हें कंपनी की मैनेजमेंट में कोई दिलचस्पी नही और जो सिर्फ शेयर में इन्वेस्टमेंट द्वारा प्रॉफिट कमाना चाहते है। यह उन लोगो के लिए भी उपयुक्त है जो कंपनी के शेयर्स में इन्वेस्ट तो करना चाहते हैं लेकिन उनके पास कैपिटल कम है। DVR शेयर आमतौर पर डिस्काउंट पर ट्रेड करते हैं मतलब इनका प्राइस आर्डिनरी शेयर के मुकाबले कम होता है। इसके जरिए आप कम कैपिटल में भी अपने मनपसंद कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट कर पाते हैं। DVR शेयर में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को कंपनी की मैनेजमेंट और उसकी वोटिंग में हिस्सा लेने के झंझट में नहीं रहना पड़ता। इसके इलावा DVR शेयर पर मिलने वाला डिविडेंड आर्डिनरी शेयर से ज्यादा होता है।

DVR शेयर और ऑर्डिनरी शेयर में अंतर – DVR share aur ordinary share main antar

ऑर्डिनरी शेयर्स वह होते हैं जिनमें इन्वेस्ट करने पर इन्वेस्टर कंपनी में भागीदार बन जाता है यानी कि उसे कंपनी की मैनेजमेंट में वोटिंग देने और अपनी राय रखने का बराबर हिस्सेदारी माना जाता है। दूसरी तरफ DVR शेयर धारकों के पास कंपनी मैनेजमेंट की डिसीजन मेकिंग में कम वोटिंग राइट्स होते हैं

आमतौर पर DVR शेयर डिस्काउंट रेट पर ऑफर किए जाते हैं यानी इन्वेस्टर इनमे कम कैपिटल होने पर भी इन्वेस्ट कर सकता है। वही आम या ऑर्डिनरी शेयर्स में इन्वेस्ट करने के लिए इन्वेस्टर के पास पूरा कैपिटल होना चाहिए।

वोटिंग राइट्स के कम होने के बदले DVR शेयर होल्डर्स को ज्यादा डिविडेंड ऑफर किया जाता है। यह डिविडेंड ऑर्डिनरी शेयर होल्डर के मुकाबले ज्यादा होता है

DVR शेयर कैसे खरीदें – DVR share kaise kharide

DVR शेयर को आप ऑर्डिनरी शेयर्स की तरह ही स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं। इसके लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। ट्रेडिंग अकाउंट होने पर आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जाकर जो भी DVR शेयर खरीदना है उसे सर्च करके खरीद सकते है।

भारत में DVR शेयर – Bharat me DVR share

भारत में सबसे पहले Tata Motors ने अपने DVR शेयर इश्यू किए थे। इसके बाद तीन और कंपनियां जिनके नाम है: Stampede Capital DVR, Jain irrigation systems DVR और Future Enterprises ने अपने DVR शेयर स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किए है। इन चारो के अलावा और कोई भी कंपनी अपने DVR शेयर्स ऑफर नहीं करती है।

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निष्कर्ष – Conclusion

DVR शेयर को कंपनी प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी को कम होने से और मैनेजमेंट में अपने होल्ड को बनाए रखने के लिए इश्यू करती है। कम वोटिंग राइट होने के कारण इनमे इन्वेस्टर को कुछ बेनिफिट भी मिलता है। यहां यह बात भी नोटिस करने वाली है की ज्यादातर इन्वेस्टर को कम्पनी की मैनेजमेंट में कोई भी दिलचस्पी नही होती और वह सिर्फ प्रॉफिट कमाने के लिए ही शेयर में इन्वेस्ट और ट्रेड करते है। इन इन्वेस्टर्स के लिए DVR शेयर आर्डिनरी शेयर के मुकाबले एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

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