तेजी से आगे बड़ रही दुनिया में हमे रोज कमाई के नए नए साधनों के बारे में सुनने को मिलता है। यह साधन आपको घर बैठे बिना ज्यादा पूंजी और स्किल के अच्छा पैसे कमाने के मौका देते है। ऐसे ही एक साधन का नाम है ड्रॉपशिपिंग बिजनेस। बीते कुछ वक्त में ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस मॉडल तेजी से कमाई के एक अच्छे अवसर के रूप में उभर कर आया है। आज के इस आर्टिकल “Dropshipping meaning in Hindi” में हम ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस के कांसेप्ट को जानते हुए इसमें लगने वाली लागत, फायदे और नुकसान समेत सभी तथ्यों की जानकारी को आपके सामने रखेंगे।
ड्रॉपशिपिंग क्या है – Dropshipping meaning in Hindi
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस e-commerce के सिद्धांत पर आधारित है। इसमें आप लोगो को एक ऑनलाइन स्टोर बना कर उसके माध्यम से प्रोडक्ट बेचते हो। यह प्रोडक्ट ना तो आपके द्वारा बनाए गए होते है और ना ही आपके द्वारा उनको पहुंचाए जाते है। इसमें आप सिर्फ के ऐसी वेबसाइट या माध्यम का काम करते हो जो कस्टमर को सप्लायर से जोड़ता है और इसके बदले आप एक अच्छा खासा प्रॉफिट कमा सकते हो।
दूसरे शब्दों में हम कह सकते है की ड्रॉपशिपिंग में हमारा काम प्रोडक्ट को प्रमोट करना और उसके लिए कस्टमर को ढूढ़ना होता है और बाकि का सारा काम दूसरे लोगो से लिया जाता है। इस बिज़नेस में आपको क्या बेचना है और कितने दाम पर बेचना है इस बात की आज़ादी होती है और इसे घर बैठे आसानी से इंटरनेट कनेक्शन और मोबाइल डिवाइस के द्वारा भी किया जा सकता है।
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस कैसे काम करता है – Dropshipping business kaise kaam karta hai
ड्रॉपशॉपिंग बिज़नेस में तीन मुख्य लोग काम करते है:
सप्लायर या व्होलसेलर: वह पार्टी जिसका काम प्रोडक्ट को बनाना और कस्टमर तक सप्लाई करना होता है।
ड्रॉपशिपर: वेबसाइट का owner जिसका काम प्रोडक्ट की मार्केटिंग करना और कस्टमर को सप्लायर से प्रोडक्ट दिलवाना होता है।
कस्टमर: वह इंसान जो की प्रोडक्ट को लेने का इच्छुक है।
चलिए ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस को एक उदाहरण के साथ समझते है। मान लीजिये आपने एक ऑनलाइन वेबसाइट बनाई जहां पर अपनी niche जैसे की कपडे, बुक्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि के आधार पर प्रोडक्ट लिस्ट किए। इन प्रोडक्ट्स की सप्लाई के लिए आप एक वेंडर से जुड़ते हो जैसे की Meesho जो प्रोडक्ट को पैक करके आपके कस्टमर के पते पर भिजवाता है। कस्टमर को ढूढने के लिए आप सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर उसका प्रमोशन करते हो।
जब कोई व्यक्ति आपकी वेबसाइट के जरिए आर्डर प्लेस करता है तो वही प्रोडक्ट आप सप्लायर को कस्टमर को भेजने के लिए कहते हो। इस तरह प्रोडक्ट आपके द्वारा बिना बनाए और सप्लाई किए बिना ही कस्टमर तक पहुंच जाता है। प्रोडक्ट के सेल प्राइस और सप्लायर प्राइस का जो फर्क होगा वह आपका प्रॉफिट होता है।
ड्रॉपशॉपिंग बिज़नेस से पैसे कैसे कमाए – Dropshipping business se paise kaise kamaye
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस से पैसे प्रोडक्ट को बेचकर मुनाफे के तौर पर कमाए जाते है। पहले बताए गए अनुसार ड्रॉपशिपिंग में आप प्रोडक्ट को सप्लायर से लेकर कस्टमर को बेचते हो। मान लजिए सप्लायर से वह प्रोडक्ट हमें 300 में मिला या उसके पास वह प्रोडक्ट 300 में उपलब्ध है। जब आपने वही प्रोडक्ट अपनी वेबसाइट पर लिस्ट किया तो उसका प्राइस रखा 500 रूपये। जब भी कोई कस्टमर उस प्रोडक्ट को आपकी वेबसाइट से खरीदेगा तो वह उसको 500 रूपये में पड़ेगा और प्रोडक्ट कस्टमर को 500 के प्राइस टैग के साथ ही सप्लाई किया जायेगा। जो 200 रूपये का margin होगा वह मुनाफे के तौर पर आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जायेगा।
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस कैसे शुरू करे – Dropshipping business kaise shuru kare
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस को शुरू करने के लिए:
किसी एक niche का चुनाव करे: Niche यानि की वह कैटेगरी जिसमे आप प्रोडक्ट को बेचना चाहते है। यह कैटेगरी किसी भी तरह की हो सकती है या फिर आपके इंटरेस्ट के मुताबिक हो सकती है जैसे की कपडे, ज्वेलरी, बुक्स, टॉयज आदि। अगर आपका अपना कोई इंटरेस्ट नहीं है तो बेहतर यही है की ऐसे प्रोडक्ट्स का चुनाव करे जिनकी ऑनलाइन डिमांड ज्यादा है या जिसकी ऑनलाइन सर्च काफी ज्यादा हो रही है। आप इसके लिए ट्रेंडिंग प्रोडक्ट का भी चुनाव कर सकते है लेकिन उसमे परेशानी यह है की ट्रेंड हमेशा एक सा नहीं रहता और उसमे समय के साथ आपको बदलाव करना पड़ता है।
मार्किट एनालिसिस करें: किसी भी तरह के बिज़नेस में सफल होने के लिए सबसे पहला यही रूल है की आपको मार्किट और competition की पूरी जानकारी हो। अपने niche से जुड़े प्रोडक्ट के बारे में ऑनलाइन रीसर्च करे और यह जानने की कोशिश करे की बाकि ऑनलाइन स्टोर उन्हें किस स्ट्रैटर्जी के इस्तेमाल से और किस प्राइस पर बेच रहे है। इससे आपको प्रोडक्ट केटेगरी के चुनाव और एक बढ़िया competative प्राइस सेट करने में आसानी हो जाएगी। यह चीजे आपको competition से आगे लेजाने और मार्किट में अन्य लोगो के मुकाबले अच्छा परफॉर्म करने में मदद करेगी।
सप्लायर की खोज करे: सप्लायर ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस में एक अहम् रोल अदा करता है। एक सप्लायर ही वह माध्यम है जो प्रोडक्ट की आपूर्ति और उसे कस्टमर तक पहुंचाता है इसलिए एक अच्छे सप्लायर के साथ जुड़ना जरुरी हो जाता है। किसी भी सप्लायर का चुनाव करने से पहले उसके बारे में और उसकी टर्म और कंडीशन के बारे में पूरी जानकारी जुटा ले। उसके साथ पहले से काम कर रहे लोगो के रिव्यु को जांचे और आर्डर से लेकर सप्लाई तक सभी जरुरी बातो के बारे में अवगत रहे। इसमें आप सिर्फ एक ही सप्लायर तक सीमित ना रहे, कम से कम 5-10 सप्लायर के साथ संपर्क करे और सबकी तुलना करने के बाद ही किसी एक का चुनाव करे।
ऑनलाइन स्टोर बनाए: एक वेबसाइट या वेब प्लेटफार्म जिसमे आपके प्रोडक्ट्स लिस्टेड होंगे ड्रॉपशिपिंग का सबसे अहम् भाग है। हम कह सकते है की आपको Flipkart, Amazon या Meesho की तरह एक वेब साइट बनानी है जहां पर लोग आपके लिस्टेड प्रोडक्ट की जानकारी हासिल कर सकें और आर्डर प्लेस कर सके। आजकल कोई भी ऑनलाइन वेबसाइट या स्टोर बनाना बहुत आसान हो गया है। इसके लिए सबसे पहले आपको एक Domain name यानि की अपने वेबसाइट के एड्रेस की जरुरत पड़ेगी। अगर आप इस बिज़नेस में लम्बे समय तक रहना चाहते है तो एक अच्छे और unique domain name का ही चुनाव करे क्युकी यही आपकी मार्किट में पहचान और ब्रांड नेम के तौर पर काम करेगा। इस बात का ध्यान रखे की डोमेन नाम आपके स्टोर या वेबसाइट के title पर ही हो।
इसके बाद आपको एक सर्विस प्रोवाइडर जैसे जिसे CMS (Content Management System) सिस्टम कहते है की जरुरत पड़ेगी जो की आपके स्टोर को बनाने, चलाने और मैनेज करने में मदद करेगा। भारत में ज्यादातर दो मुख्य प्लेटफार्म Shopify और woocommerce का इस्तेमाल किया जाता है। डोमेन लेने से लेकर स्टोर बनाने तक का सारा प्रोसेस आप ऑनलाइन आसानी जान सकते है।
मार्केटिंग: मार्केटिंग में आप अपने प्रोडक्ट और वेबसाइट को लोगो तक पहुंचाने का काम करते हो और चूँकि यह एक e-commerce स्टोर है इसलिए इसकी मार्केटिंग भी ऑनलाइन ढंग से होती है। इसके लिए आप सोशल मीडिया जैसे की इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ad रन कर सकते है। यह ads आपके प्रोडक्ट से जुड़े होंगे और पिक्चर या विडिओ के फॉर्मेट में हो सकते है। जब भी लोग इन सोशल मीडिया साइट का इस्तेमाल करते है तो उनके इंटरेस्ट के मुताबिक यह ads उन्हें दिखाई जाती है। Ad को देखकर अगर उन्हें प्रोडक्ट अच्छा लगता है तो वह इसपर क्लिक करके आपके स्टोर पर पहुंच जाते है और यहां से प्रोडक्ट को ऑनलाइन आर्डर कर सकते है।
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस के लिए कितने पैसे लगते है – Dropshpping business ke liye kitne paise lagte hai
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस कुछ बेसिक सुविधाओं के साथ शुरू किया जा सकता है जो की आजकल हर इंसान के पास उपलब्ध है, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्शन। अगर आपके पास लैपटॉप या कंप्यूटर हो तो इसे और आसानी और तेजी के साथ किया जा सकता है। इसके इलावा Domain name लेने और ऑनलाइन स्टोर बनाने में आपके 500 रूपये तक खर्च हो सकते है। उसके बाद ad को रन करने के लिए आपको ad रन करने वाली कंपनी जैसे की facebook ads या Google adsense को कुछ पैसे भरने पड़ते है जिनका रेट अलग अलग हो सकता है।
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस के फायदे – Dropshipping business ke fayde
कम स्टार्टअप कॉस्ट: ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस आप बहुत कम पैसों में शुरू कर सकते है। ट्रेडिशनल बिज़नेस की तुलना में जहां आपको प्रोडक्ट को खुद बना कर बेचना पड़ता है, ड्रॉपशिपिंग में सिर्फ आपको प्रोडक्ट की मार्केटिंग करनी पड़ती है जो इस बिज़नेस को बहुत किफायती बनाता है।
बड़ी प्रोडक्ट रेंज: आजकल आप ऑनलाइन कुछ भी बेच सकते है और जो कुछ भी ऑनलाइन बेचा जा सकता है उसे आप अपने ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस में शामिल कर सकते है। आप चल रहे ट्रेंड और डिमांड के अनुसार प्रोडक्ट का चयन कर सकते है जो की प्रॉफिट को बढ़ाने और ज्यादा प्रोडक्ट को बेचने में आपकी मदद करेगा।
कहीं से भी काम करे: ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस में आपको किसी भी तरह के ऑफिस, गोडाउन और फिक्स टाइम की जरुरत नहीं होती। आप अपनी सहूलियत के अनुसार कभी भी समय निकाल कर इस बिज़नेस को चला सकते है।
स्किल डेवलपमेंट: ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस में आपको प्रोडक्ट की मार्केटिंग और सप्लायर से रोजाना टच में रहना पड़ता है। यह चीजे आपकी मार्केटिंग और मोलभाव स्किल को बढ़ाने में बहुत मदद करता है।
ग्रोथ और प्रॉफिट: ड्रॉपशॉपिंग में ग्रोथ और प्रॉफिट की कोई भी सीमा नहीं है। आप अपनी क्षमता और स्किल अनुसार जितना अच्छा काम करेंगे उतना ही प्रॉफिट आप कमा सकते है और जैसे जैसे मार्किट में आपकी ब्रांड वैल्यू बनेगी आपके ग्रोथ के चांस भी उतने ही बढ़ते जायेंगे।
आसानी से शुरुआत करे: ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए किसी भी स्पेशल स्किल की जरुरत नहीं है। आप इसे ऑनलाइन फ्री में आसानी से सीख सकते है और कभी भी शुरु कर सकते है।
ड्रॉपशिपिंग बिज़नेस के नुक्सान – Dropshipping business ke nuksaan
कॉम्पिटिशन: शुरुआत की आसानी और एक पॉपुलर बिज़नेस मॉडल होने के कारण ड्रॉपशिपिंग में कॉम्पिटिशन काफी हद्द तक बढ़ गया है। अगर आपको कम्पटीशन से आगे निकलना है तो आपको कड़ी मेहनत और कुछ अलग करके दिखाना पड़ेगा तभी आप इस बिज़नेस में अपने आप को साबित कर पाएंगे।
कम मार्जिन प्रॉफिट: ड्रॉपशिपिंग में आप प्रोडक्ट को खुद ना बनाते है और ना ही सप्लाई करते है इस कारण आपको सप्लायर की प्राइसिंग के हिसाब से चलना पड़ता है। मार्किट में ज्यादा कॉम्पिटिशन होने के कारण आप प्रोडक्ट को ज्यादा प्राइस पर भी नहीं बेच पाते इस कारण मुनाफे के लिए मार्जिन एक लिमिट तक ही रह जाता है।
क्वालिटी कण्ट्रोल: ड्रॉपशिपिंग में प्रोडक्ट को बनाना और सप्लाई करना आपके हाथ में नहीं होता इसलिए प्रोडक्ट की क्वालिटी और कस्टमर सर्विस के केस में आप कुछ नहीं कर सकते। खराब क्वालिटी कर कस्टमर सर्विस होने के केस में आपकी ब्रांड वैल्यू पर असर पड़ता है।
शिपिंग में देरी: जैसा की पहले ही कई बार बताया गया है ड्रॉपशिपिंग में प्रोडक्ट शिपिंग की जिम्मेवारी सप्लायर के हाथ में होती है इस कारण उसमे देरी के केस में आप कोई एक्शन नहीं ले सकते। यह चीज कस्टमर एक्सपीरियंस पर बुरा प्रभाव डालती है।
मार्किट ट्रेंड: ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने में हमे ट्रेंड्स के साथ बदलना पड़ता है और ट्रेंड हमेशा एक सा नहीं रहता। खासकर जेवेल्लरी और कपड़ो आदि के केस में यह हमेशा बदलता रहता है इसलिए ड्रापशिप्पर को हमेशा मार्किट के ट्रेंड और कस्टमर के टेस्ट को लेकर अपडेटेड रहना पड़ता है।
यह भी जानिए: Online paise kaise kamaye 2023 – घर से काम करके पैसे कमाने के तरीके
निष्कर्ष – Conclusion
किसी भी बिज़नेस की तरह ड्रॉपशिपिंग में भी आपको कड़ी मेहनत और रिसर्च करनी पड़ती है लेकिन फर्क यह है की यह हमे कही से भी काम करने की आज़ादी देता है। कोशिश करे ड्रॉपशिपिंग की शुरुआत करने से पहले अच्छे से अपने गोल और बिज़नेस के नेचर की जाँच कर ले क्युकी इस बिज़नेस में सफलता निरंतर प्रयास और नए एक्सपेरिमेंट करने से ही संभव है। अगर आपमें सिखने की लगन है तो ऑनलाइन आप आसानी से इस बिज़नेस के बारे में जानकारी जुटा सकते है और इसे शुरू करके अच्छे पैसे कमा सकते है।