आज के समय में इन्वेस्टमेंट के लिए शेयर मार्केट लोगो के बीच बहुत पॉपुलर हो चुका है। सभी तरह की इनकम वाले लोग इसमें इन्वेस्टमेंट करके अच्छी रिटर्न कमा सकते है। शेयर मार्केट, इन्वेस्टमेंट करने के साथ साथ ट्रेडिंग करने का भी एक महत्वपूर्ण जरिया है। ट्रेडिंग यानी कि शेयर को ज्यादा समय के लिए होल्ड न करते हुए शॉर्ट टर्म में खरीदना और बेचना। ट्रेडिंग की कई सारी किस्में होती है, जैसे इंट्राडे, स्विंग, स्कैल्पिंग आदि। BTST भी ट्रेडिंग की ही एक किस्म है, जिसके बारे में हम आज के आर्टिकल ’BTST Full Form in Hindi’ में बात करेंगे और इसके फायदे और नुकसान जानने की कोशिश करेंगे।
BTST क्या है – BTST Full Form in Hindi
BTST का मतलब होता है, Buy Today, Sell Tommorow. यह ट्रेडिंग की एक किस्म है जिसमें शेयर को एक दिन खरीद कर दूसरे दिन बेच दिया जाता है। इसमें ट्रेड डिलीवरी में लिया जाता है लेकिन शेयर, ट्रेडर के डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होने से पहले ही बेच दिए जाते है। इसमें ट्रेडर का मुख्य उद्देश्य शॉर्ट टर्म मुनाफा कमाना होता है। भारत में खरीदे गए शेयर की डीमैट अकाउंट में T+1 के साइकिल में होती है। यानी वह शेयर जो आप आज खरीदते है वह कल तक आपके डीमैट अकाउंट में सेटल कर दिए जाते है।
BTST ट्रेड में इसी टाइम पीरियड के बीच की शॉर्ट टर्म प्राइस मूवमेंट का फायदा उठाया जाता है। यह कहीं न कहीं इंट्राडे और कैश मार्केट ट्रेड के बीच की कैटेगरी में आता है। BTST ट्रेडिंग का ही एक विपरीत रूप है जिसे STBT ट्रेडिंग कहा जाता है। यानी Sell Today, Buy Tommorow. लेकिन इस तरह की ट्रेडिंग दूसरे मुल्कों के शेयर बाजार में की जाती है क्योंकि भारत में शेयर्स को सिर्फ फ्यूचर और ऑप्शन में ही पहले बेचा जा सकता है।
BTST कैसे काम करता है – BTST kaise kaam karta hai
BTST में ट्रेडर मुख्यता उन शेयर्स को खरीदते है, जिनके प्राइस की अगले दिन बढ़ने की संभावना होती है। इसके लिए वह शेयर्स को इक्विटी डिलीवरी ऑर्डर के तहत खरीदते है जिसकी डीमैट अकाउंट में सेटलमेंट T+1 दिनों के आधार पर की जाती है। BTST के तहत हम शेयर को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होने से पहले बेचने की कोशिश करते है। इस तरह ट्रेडर कम समय में मुनाफा कमा कर ट्रेड से बाहर निकल सकते है। चलिए इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते है:
- मान लीजिए आप एक कंपनी के शेयर को आज 100 रूपये खरीद लेते है।
- अगर उस शेयर की कीमत कल 110 रुपए या 100 रुपए से ज्यादा हो जाती है तो आप उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते है। अगर शेयर का प्राइस आपके एनालिसिस के विपरीत जाता है तो उसे आप पहले से निर्धारित प्राइस जैसे 95 पर बेच कर नुकसान को कंट्रोल में रख सकते है।
- इस केस में आपने ट्रेड तो डिलीवरी में लिया, लेकिन शेयर को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होने से पहले ही बेच दिया।
कैसे करें BTST ट्रेडिंग – Kaise karen BTST Trading
शेयर मार्केट में किसी भी दूसरी तरह की ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने के लिए हमे दो बेसिक चीजों की जरूरत होती है, वह है ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट। अगर आपके पास यह दोनों है तो आप ट्रेडिंग आराम से शुरू कर सकते है, नहीं होने के केस में आप किसी भी ब्रोकर के द्वारा ऑनलाइन दोनों अकाउंट आसानी से खोल सकते है। कुछ पॉपुलर डिस्काउंट ब्रोकर है: Groww, Zerodha, 5paisa आदि। BTST ट्रेड लेने ले लिए पहले:
स्टॉक का चयन करें: सबसे पहले उस स्टॉक को चुने जिनमें आप ट्रेड लेना चाहते है। स्टॉक का चयन प्राइस ब्रेकआउट, कंपनी से जुड़ी कोई बड़ी खबर या ट्रेडिंग वॉल्यूम आदि के आधार पर हो सकता है। ध्यान रहे कि ट्रेड लेने के लिए सिर्फ लिक्विड स्टॉक का ही चुनाव करें।
स्टॉपलॉस और टारगेट सेट करें: चुने गए स्टॉक का बाय प्राइस अनुसार स्टॉपलॉस और टारगेट सेट करें और उसी अनुसार ट्रेड में बने रहे या बाहर निकलें।
स्टॉक को खरीदना: अपनी चुनी गई स्ट्रेटजी के अनुसार स्टॉक को मार्केट के बंद होने से 1 या आधा घंटा पहले डिलीवरी ट्रेड पर खरीद लें।
स्टॉक को बेचना: अगले दिन अगर मार्केट आपके एनालिसिस के अनुसार खुलती और चलती है तो सेट किए गए ट्रगेट प्राइस पर आप स्टॉक को बेच का प्रॉफिट बुक कर सकते है। विपरीत परिस्थिति के केस में स्टॉपलॉस प्राइस पर स्टॉक को बेच कर रिस्क को कंट्रोल में रखें।
कुछ BTST ट्रेडिंग स्ट्रेटजी – Kuch BTST Trading Strategy
बड़े इवेंट से पहले ट्रेड करना: अगर आने वाले दिन में, इकॉनमी, मार्केट या कंपनी से जुड़ी कोई पॉजिटिव इवेंट होने की संभावना है तो आप स्टॉक को खरीद कर उस के होने वाले प्राइस के बदलाव का फायदा उठा सकते है। इस इवेंट में देश का बजट, कंपनी के फाइनेंशियल रिजल्ट या सेक्टर से जुड़ी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
प्राइस ब्रेकआउट पर ट्रेडिंग: शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग आमतौर पर कैंडलेस्टिक चार्ट पर प्राइस की मूवमेंट को ध्यान में रखकर की जाती है। आप अपने चुने गए स्टॉक की प्राइस मूवमेंट को ट्रैक कर सकते है। अगर वह एक महत्वपूर्ण प्राइस लेवल या रेजिस्टेंस लेवल पर ब्रेकआउट करता है तो आने वाले समय में उसके प्राइस में तेजी की संभावना बनी रहतीं है। ऐसे में आप उस ट्रेड में एंट्री ले सकते है।
स्टॉप लॉस सेट करना: अपने रिस्क को कंट्रोल करने और कम से कम रखने का सबसे अच्छा तरीका है, स्टॉपलॉस। स्टॉपलॉस में आप एक प्राइस लेवल पर स्टॉक को बेचने का ऑर्डर लगा देते हो, ताकि जब प्राइस उस लेवल से नीचे जाए तो स्टॉक अपने आप ही बिक जाए और लॉस कंट्रोल में रहे। BTST ट्रेडिंग में भी आप अपने रिस्क में मुताबिक स्टॉपलॉस सेट कर सकते हो।
टाइम से प्रॉफिट बुक करना: एक अच्छा ट्रेडर वही है जो अपने प्रॉफिट और लॉस दोनो को मैनेज करके रखता है। स्टॉपलॉस के साथ ही अपने टारगेट लेवल को भी जरूर ध्यान में रखे और ज्यादा लालच में न पड़ते हुए अपने टारगेट पर प्राइस आने पर प्रॉफिट को जरूर बुक कर लें।
लिक्विड स्टॉक सिलेक्शन: ट्रेडिंग के लिए सिर्फ उन्हीं स्टॉक का सिलेक्शन करें जो लिक्विड हो। लिक्विड स्टॉक यानी वह स्टॉक जिनको आप कभी भी आसानी से खरीद और बेच सकते है। अगर स्टॉक लिक्विड नहीं होंगे तो आपको उन्हें खरीदने और बेचने के लिए आसानी से बायर और सेलर नहीं मिलेंगे, जिससे नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।
BTST के फायदे – BTST ke fayde
शॉर्ट टर्म में मुनाफा: BTST के माध्यम से ट्रेडर शॉर्ट टर्म में अच्छा मुनाफा कमा सकते है। अगर मार्केट की स्थिति आपके पक्ष में है, और आपने सोच समझकर ट्रेड में एंट्री ली है तो आप एक दिन में ही ट्रेड में मुनाफा कमा सकते है।
डिलीवरी चार्ज नहीं: BTST ट्रेड में आप स्टॉक को अपने डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होने से पहले ही बेच देते है। इससे आपको डीमैट डेबिट चार्ज नहीं देना पड़ता और आपके मुनाफे में बढ़ोतरी होती है।
कम ट्रांजेक्शन चार्ज: इंट्राडे ट्रेडिंग की तुलना में BTST ट्रेडिंग में बहुत कम ट्रांजेक्शन चार्जेस लगते है। जहां इंट्राडे में हमे ब्रोकर के माध्यम से मार्जिन की सहूलियत मिलती है, जिससे हम कम पैसे में भी ज्यादा ट्रेडिंग कर सकते है जिससे लगने वाले टैक्स और ट्रांजेक्शन चार्ज भी बढ़ते है। वहीं BTST में सिर्फ उपलब्ध कैपिटल से ही ट्रेडिंग की जा सकती है, इसलिए ट्रेडिंग वॉल्यूम और चार्जेस भी कम होते है।
फ्लेक्सिबिलिटी: BTST में हमे मार्केट के शॉर्ट टर्म ट्रेंड का फायदा उठाने का मौका मिलता है। इससे हम किसी भी ट्रेड में ज्यादा देर रहे बिना छोटे छोटे मौकों का फायदा उठा सकते है।
BTST के नुकसान – BTST ke nuksaan
ज्यादा रिस्क: BTST ट्रेडिंग का शॉर्ट टर्म नेचर होने के कारण इसमें ज्यादा रिस्क शामिल होता है। शॉर्ट टर्म प्राइस में बदलाव और इंडस्ट्री से जुड़ी कोई बड़ी खबर इस रिस्क को और बड़ा देते है।
ग्लोबल मार्केट का रिस्क: BTST ट्रेडिंग में हम स्टॉक को आज खरीद कर दूसरे दिन बेचते है। अगर मार्केट में रातों रात कोई बड़ी खबर आती है, या ग्लोबल मार्केट के कारण कोई बड़ा प्रभाव पड़ता है तो हमें भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
मार्जिन की जरूरत: इंट्राडे के विपरीत BTST में हमे ब्रोकर के द्वारा किसी भी तरह का मार्जिन नहीं मिलता, इसलिए हमे ट्रेडिंग के लिए पूरी तरह से अपने कैपिटल पर निर्भर रहना पड़ता है।
यह भी जानिए: Types of Share in Hindi – जानिए शेयर क्या है और कितनी तरह के होते है
निष्कर्ष – Conclusion
BTST ट्रेडिंग शेयर मार्केट में एक बेहतरीन ऑप्शन है, खासकर उन लोगों के लिए जो कम समय में प्रॉफिट कमाना चाहते है। हालांकि ट्रेड शॉर्ट टर्म में होने के कारण रिस्क की संभावना भी उतनी ही बढ़ जाती है, इसलिए सोच समझ कर ही किसी भी ट्रेड में कदम रखे। अगर आप मार्केट के ट्रेंड्स को अच्छे से समझते है, और रिसर्च पर ध्यान देते है तो ही BTST आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। स्टॉक मार्केट में सफल होना काफी हद्द तक आपके अनुभव और रिस्क को मैनेज करने की शमता पर निर्भर करता है, इसलिए ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले मार्केट का अच्छे से विश्लेषण जरूर कर लें।