जैसे जैसे टेक्नोलॉजी में सुधार हो रहा है, हमे बैंकिंग और फाइनेंस से जुडी सेवाओं के डिजिटल रूप में रोज नए बदलाव देखने को मिल रहे है। यह बदलाव और आधुनिक तकनीक हमारे रोजमर्रा के पैसों के जुड़े काम को और तेज और बेहतर बना रहे है। ऐसे ही तकनीक के चलते हमे अक्सर कई सारी नई फाइनेंशियल टर्म्स के बारे में सुनने को मिलता है। ऐसी ही एक टर्म नाम है NACH। इसके बारे में आपने भी कभी न कभी तो सुना ही होगा लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी हम में से बहुत कम लोगो के पास है। आज हम इस आर्टिकल “NACH full form in Hindi” के माध्यम से हम NACH के बारे में पूरी तरह से जानने की कोशिश करेंगे।
NACH क्या है – NACH full form in Hindi
NACH का मतलब होता है “National Automated Clearing House”
हिंदी में इसका फुल फॉर्म है “राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह”
यह भारतीय बैंकिंग का एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम है जो की पहले से चल रहे ECS यानि की Electronic Clearing Service सिस्टम का आधुनिक रूप है। इसे सबसे पहले 01 मई 2016 बैंकिंग प्रणाली में पूरी तरह से लागु किया गया था।
बैंको को अपने बहुत सारे कामों के लिए आटोमेटिक पेमेंट करने की जरुरत होती है जैसे की इन्वेस्टर्स को डिविडेंड देना, गवर्नमेंट द्वारा लोगो को दो जाने वाली सब्सिडी, सैलरी और पेंशन आदि की पेमेंट। इसके लिए एक बल्क पेमेंट सिस्टम की जरुरत थी जो की एक फिक्स्ड टाइम में ऐसी पेमेंट्स को कर सके। इसलिए NPCI (National Payment Corporation of India) द्वारा NACH पेमेंट सिस्टम को लागु किया गया।
NACH एक पूर्णता इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सिस्टम है। NACH सिस्टम में पैसों को किसी अकाउंट में ट्रांसफर या किसी अकाउंट से पैसों को काटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा करने के लिए एक फॉर्म जिसे की NACH mandate कहते को वेरीफाई करना पड़ता है। आइए जान लेते है की NACH mandate या NACH सिस्टम कैसे काम करता है।
NACH सिस्टम कैसे का करता है – NACH system kaise kaam karta hai
NACH सिस्टम के अंतर्गत एक कॉर्पोरेट या मनी कलेक्टिंग एजेंसी कस्टमर्स से डेबिट मैंडेट को प्राप्त करते है। इस मैंडेट में कस्टमर के बैंक अकाउंट से जुड़ी जरुरी जानकारी होती है और इसके द्वारा वह बैंक को अपना अकाउंट डेबिट या क्रेडिट करने की अथॉरिटी देता है।
कॉर्पोरेट दिए गए मैंडेट की इनफार्मेशन को वेरीफाई करता है।
वेरिफिकेशन के बाद कॉर्पोरेट मैंडेट को अपने बैंक के पास भेजता है।
कॉर्पोरेट का बैंक तब इस मैंडेट को NPCI के साथ शेयर करता है।
NPCI द्वारा वैलीडेशन हो जाने पर मैंडेट को कस्टमर के बैंक के पास अप्रूवल के लिए भेजा जाता है।
कस्टमर के बैंक द्वारा मैंडेट के अप्रूव हो जाने के बाद कॉर्पोरेट बैंक दर्ज राशि को कलेक्ट कर सकता है।
NACH कितनी तरह का होता है – NACH kitni tarah ka hota hai
NACH सिस्टम दो तरह का होता है:
NACH Credit: NACH की इस किस्म का इस्तेमाल अपने बैंक अकाउंट से दूसरे अकाउंट्स में एक साथ पैसा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। जैसे की सैलरी, सब्सिडी, ब्याज वगैरह।
NACH Debit: किसी और बैंक अकाउंट से अपने बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के लिए NACH डेबिट का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे की इनश्योरेंस का प्रीमियम, SIP, किसी तरह का बिल आदि।
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NACH कहां इस्तेमाल होता है – NACH kahan istemaal hota hai
NACH सिस्टम का इस्तेमाल लगभग हर उस जगह किया जाता है जहां बल्क और आटोमेटिक पेमेंट की जरुरत होती है। जैसे की किसी फिक्स तारीख को किसी अकाउंट से पैसे डेबिट करना या किसी के अकाउंट में पैसे क्रेडिट करना। कुछ आम सेवाएं जहां पर NACH का इस्तेमाल होता है वह है:
- डिविडेंड
- सब्सिडी
- बिजली, पानी और अन्य बिल
- पेंशन
- म्यूच्यूअल फण्ड SIP
- इंट्रेस्ट पेमेंट
NACH और ECS में क्या फर्क है – NACH aur ECS me kya fark hai
NACH और ECS दोनों एक ही सिस्टम के दो पहलु है। जहां पहले ऑटोमेटेड पेमेंट के लिए ECS का इस्तेमाल किया जाता था वहीं NACH इसका ही आधुनिक रूप है और इस से कई मायनो में बेहतर है, जैसे की:
ECS के मुकाबले में NACH की प्रक्रिया काफी तेज होती है। ECS में सारा काम manually किया जाता है जिस कारण इसमें समय लगता है वहीं पर NACH में सब काम पूर्णता डिजिटल तरीके के किया जाता है।
NACH में कागजी कार्यवाही बहुत कम होती है इसलिए रिजेक्शन के चांस कम हो जाते है, वहीं ECS की रिजेक्शन रेश्यो NACH से कहीं ज्यादा हो सकती है।
NACH में मैंडेट का रजिस्ट्रेशन सिर्फ 15 दिन में हो जाता है वहीं ECS में इसे 30 दिन का समय लगता है।
NACH सिस्टम में अगर कोई विवाद हो जाता है तो उसको सुधारने के लिए अलग से Dispute management system है वहीं ECS में ऐसी कोई सुविधा नहीं है।
NACH में पेमेंट का सेटलमेंट केवल 24 घंटे के अंदर हो जाता है वहीं ECS में इसे 3 से 4 दिन समय लग सकता है।
निष्कर्ष – Conclusion
उम्मीद है की हमारे आजकल के आर्टिकल ने आपके NACH से जुड़े सभी सवालों के जवाब दे दिए होंगे। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गया है तो आप कमेंट सेक्शन में उसके बारे में पूछ सकते है। NACH ने बैंकिंग के पेमेंट सिस्टम को तेज और ज्यादा इफेक्टिव बनाने में एक अहम भूमिका निभाई है लेकिन यह तो सिर्फ आधुनिकता की शुरुआत मात्र है और आने वाले समय में हमे इसके और एडवांस रूप देखने को मिल सकते है।